तेज प्रताप का निष्कासन- सही निर्णय या एक घुटे हुए राजनेता का तुरत फैसला

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Lalu’s decision regarding Tej Pratap- लालू ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से क्यों निकाला? यह बात सभी जान रहे होंगे, लेकिन लालू ने इस एक फैसले से न सिर्फ अपने परिवार को बल्कि अपनी पार्टी और तेज प्रताप को भी बचा लिया। दरअसल लालू का यह फैसला एक बड़ी सोची-समझी और संतुलित राजनीतिक रणनीति है। JDU और BJP ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में लग भी चुके हैं। JDU प्रवक्ता राजीव रंजन ने लालू यादव पर लोगों को मूर्ख बनाने का आरोप लगाया, जबकि BJP नेता शाहनवाज हुसैन ने तेज प्रताप के व्यवहार को जंगलराज की याद दिलाने वाला करार दिया। तेज प्रताप का निष्कासन- सही निर्णय या एक घुटे हुए राजनेता का तुरत फैसला

बिहार में होने वाले चुनाव हैं चिंता का कारण

बिहार में आने वाले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव होना है। राज्य में साल के अंत में चुनाव होगा। जिसके लिए सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। तेजस्वी के नेतृत्व में राजद भी चुनावी तैयारी में जुटी है। लेकिन इस चुनावी तैयारी के बीच शनिवार को तेज प्रताप के फेसबुक अकाउंट से हुए एक पोस्ट ने पार्टी की छवि को बिगाड़ने की कोशिश की।

विपक्ष को मिला बड़ा मुद्दा

तेज प्रताप के फेसबुक पोस्ट जिसमें उन्होंने कथित रूप से अनुष्का यादव के साथ 12 साल से रिश्ते में होने की बात कही, उससे महिलाओं के खिलाफ बड़ा संदेश गया। विपक्षी दलों के बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा भी मिला। तुरंत सभी हमलावर भी हुए. भाजपा, जदयू के नेताओं ने यह सवाल उठाया कि जब तेज प्रताप 12 साल से रिलेशन में थे, बिहार की एक बेटी (ऐश्वर्या राय, तेज प्रताप की पत्नी) की जिंदगी क्यों बर्बाद की। तेज प्रताप का निष्कासन- सही निर्णय या एक घुटे हुए राजनेता का तुरत फैसला

ऐश्वर्या से तलाक लिए बिना ….

ऐश्वर्या के साथ तेज प्रताप का पारिवारिक कलह अभी कोर्ट में लंबित है. तेज प्रताप को तलाक नहीं मिला है। तेज प्रताप के इस पोस्ट से उनकी छवि को धुमिल हुई ही, साथ ही राजद परिवार की साख पर बट्टा लगा। लेकिन इस बीच इस पोस्ट के जरिए उन्होंने 12 साल पुराने प्यार का सार्वजनिक इजहार कर अपने राजनीतिक भविष्य पर कालिख पोत दी।

जरूरी था तेज प्रताप पर एक्शन

यदि इस पोस्ट के बाद भी लालू यह सख्त फैसला नहीं लेते तो पूरे चुनाव में राजद को इस सवाल का जवाब देना होता। तेज प्रताप के साथ-साथ तेजस्वी के लिए भी मुश्किलें बढ़तीं। ऐसे में लालू ने एक सोचे-समझे फैसले के तहत तेज प्रताप को पार्टी से दूर को अपने परिवार और पार्टी को बचाया है। साथ ही तेज प्रताप को भी यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि बस अपनी बचकानी हरकतों से बाज आओ।
आईये जानते हैं लालू का यह फैसला उनके लिए कितना सही है-

लालू यादव घुटे हुए राजनीतिज्ञ हैं. उन्हें पता है कि ऐसे मामलों पर क्या करना होता है। वो जानते थे कि इस मामले को बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में भुनाने को तैयार बैठी है। लालू के इस फैसले के बाद बिहार में राजनीतिक तूफान आ गया। लालू परिवार की एकता पर सवाल उठने लगे।

पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने सच स्वीकार करके परिवार को धोखा नहीं दिया और लालू परिवार को इस सच को स्वीकार करना चाहिए।

दूसरी ओर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लालू परिवार की आलोचना करते हुए कहा कि अगर अनुष्का के साथ इतने साल से तेजप्रताप रिश्ते में थे, तो उन्हें ऐश्वर्या राय की जिंदगी बर्बाद करने का हक नहीं था।

तेजप्रताप के पार्टी और परिवार ऐसे निष्कासन के बाद भी कुछ मुद्दे हैं जो लालू के सामने चुनौती पेश करेंगे

1-क्यों कराई ऐश्वर्या से शादी
यह सवाल उठना तय है कि जब पहले से ही तेजप्रताप यादव कहीं और शादी करना चाहते थे, फिर लालू-राबड़ी ने उनकी शादी कहीं और क्यों कराई?

सवाल यह भी उठ रहा है कि जब ऐश्वर्या राय ने राबड़ी और तेज प्रताप पर मारपीट के आरोप लगाए और वह आधी रात को सड़क पर रो रही थीं तब लालू की नैतिकता कहां थी।

हालांकि लालू परिवार के अंदर उनके उत्तराधिकार को लेकर बहुत उठापटक चलती रही है।

तेजस्वी को आरजेडी की कमान मिलने के बाद से परिवार में अंतर्कलह कुछ ज्यादा ही है।

लालू यादव के इस फैसले को तेजस्वी यादव को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य चेहरा बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

2- महिला सम्मान का मुद्दा

जाहिर है कि ऐसे विवादों में जनता की सहानुभूति ऐश्वर्या के साथ ही जाएगी।

उनकी शादी के दौरान कथित दुर्व्यवहार और अब तेज प्रताप की नई रिलेशनशिप की घोषणा ने कई लोगों बहुत गुस्से में हैं।

सोशल मीडिया में इसे महिला विरोधी रवैये के रूप में देखा जा रहा है।

लोग सवाल उठा रहे हैं कि लालू परिवार ने इस मामले में चुप्पी क्यों साधी थी।

3-तेजस्वी यादव की छवि पर असर

तेजप्रताप यादव के छोटे भाई तेजस्वी यादव को सबसे अधिक परेशानी होने वाली है।

तेजस्वी यादव विपक्ष की ओर सीएम पद के दावेदार हैं।

इसके साथ ही आरजेडी के मुख्य चेहरा और बिहार में इंडिया गठबंधन के नेतृत्वकर्ता हैं।

तेजस्वी ने तेजप्रताप की बर्खास्तगी पर कहा कि ये सब चीजें हम बर्दाश्त नहीं करते। जिससे उन्होंने अपनी सख्त छवि बनाने की कोशिश की।

तेजस्वी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में युवा और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जोर देकर अपनी स्थिति मजबूत की थी, लेकिन इस विवाद ने उनकी

विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

लेकिन तेजस्वी के लिए सबसे मुश्किल यह है कि स्थानीय लोगों में यह बात फैलती जा रही है कि तेजप्रताप यादव को किनारे लगाने के लिए यह सब किया गया है। कहा यह तक जा रहा है कि तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच पूरा परिवार दो खेमों में बंट गया है।

4. कानूनी और नैतिक चुनौतियां

तेज प्रताप और ऐश्वर्या के तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है, और उनकी हालिया पोस्ट से यह साबित हो सकता है कि उन्होंने विवाह के दौरान दूसरा रिश्ता रखा, जो हिंदू मैरिज एक्ट के तहत अपराध की श्रेणी में आ सकता है।

इससे उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है, और लालू परिवार को कोर्ट में जवाब देना पड़ सकता है।

 

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