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Delhi… यूट्यूब शो इंडियाज गॉट लैटेंट को लेकर विवादों में घिरे कंटेंट क्रिएटर्स गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के समक्ष पेश हुए है। रणवीर ने विवाद शुरू होने के बाद से लगातार कार्यक्रम में दिए गए बयानों पर खेद व्यक्त किया है। शुक्रवार को भी एनसीडब्ल्यू के सामने उन्होंने अपने शब्दों के प्रति सचेत रहने का वचन दिया है।
इस यूट्यूब शो में शामिल कंटेंट क्रिएटर्स में यूट्यूबर-पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया, अपूर्व मुखीजा उर्फ ’द रिबेल किड’, कॉमेडियन समय रैना, जो इंडियाज गॉट लैटेंट शो का नेतृत्व करते हैं, और जसप्रीत सिंह के साथ आशीष चंचलानी ने हिस्सा लिया था।
इंडियाज गॉट लैटेंट के एक एपिसोड में जब रणवीर इलाहाबादिया ने माता-पिता और सेक्स पर टिप्पणी की थी उसी वक़्त से विवाद शुरू हो गया था। साथ ही अपूर्वा मुखीजा के कुछ बयानों की आलोचना हुई थी।
बोलने से पहले सोचेंगे
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया राहतकर ने कहा कि शो में उन्होंने जिस अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया है वह “बिल्कुल अभद्र” है। आयोग इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। ऐसी भाषा का इस्तेमाल न तो लोगों को स्वीकार्य है और न ही आयोग को। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। इसके सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने तुरंत इसका संज्ञान लिया और हमने उन्हें नोटिस जारी किया। इसके अनुसार, कंटेंट क्रिएटर गुरुवार को आयोग के सामने पेश हुए है। आयोग की प्रमुख ने कहा और कहा कि जब वे कल आए, तो उन्होंने “शो में अपने शब्दों पर खेद व्यक्त किया”।
मैंने गलती की
एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा कि “रणवीर ने कहा है कि उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और उन्होंने गलती की है… सभी ने आयोग के समक्ष माफी मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे भविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपने शब्दों के प्रति सचेत रहेंगे, जिससे किसी को ठेस न पहुंचे।” एनसीडब्ल्यू अनुचित भाषा के इस्तेमाल को स्वीकार नहीं करेगा।
पहली और आखिरी गलती
राहतकर ने यह भी बताया कि कंटेंट क्रिएटर्स ने कहा कि “यह पहली और आखिरी बार है जब उन्होंने ऐसा किया है”। उन्होंने कहा कि उन्होंने जो कहा है उसे वापस नहीं लिया जा सकता है, लेकिन वे शो में अपने शब्दों के प्रति सचेत रहने की कोशिश करेंगे और महिलाओं के सम्मान की बात करेंगे। वे बोलने से पहले सोचेंगे।”
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहबादिया को शो में उनकी टिप्पणियों के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया, जबकि इसे “अश्लील” कहा और कहा कि उनका “गंदा दिमाग” है, जो समाज को शर्मसार करता है।
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