#अपूर्व भारद्वाज (डाटावाणी वाले )
2019 के चुनाव 10 मार्च को घोषित हो गए थे पर आज 14 मार्च है, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त साहब कश्मीर का ही दौरा कर रहे है। प्रधानमंत्री सरकारी खर्चे पर पूरे देश मे लगातार दौरे कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। पर चुनाव आयोग चुनाव की तारीख पर चुप्पी साध कर बैठा है
अमित शाह हरियाणा में सरकार बदल रहे हैं जैसे उन्हें चुनाव कायर्क्रम पहले से ही पता हो। इस बीच उन्होंने 18626 पन्नों की एक देश एक चुनाव रिपोर्ट राष्ट्रपति को भी सौप दी है जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने की सिफारिश भी की गई है। इतनी भारी भरकम रिपोर्ट इतनी जल्दी बनकर राष्ट्रपति को पेश भी कर दी है।
देश मे चुनाव कब होंगे या नही भी होंगे यह सिवाय सरकार के अलावा किसी को पता भी नही है। चुनाव आयोग ने एक सर्वदलीय बैठक भी नही की है बाकी दो चुनाव आयुक्त कब नियुक्त होकर काम करेंगे इसका अंदाजा भी किसी को नही है।
इलेक्शन बांड और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सरकार इन दोनों मामलों को लटकाना चाहती है रोज फजीहत करवा रही है पर अंदर से मंद मंद मुस्कुरा रही है क्योंकि उसे पता है कि एवरीथिंग इज प्लांड।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव होने जा रहा है या मजाक चल रहा है। देश मे सवैधानिक संस्थाओं की इतनी बुरी हालत कभी नही रही है मैं पहले लिख चुका हूँ यह सरकार एवरीथिंग इज प्लांड के मॉडल पर काम करती है पर यह भूल जाती है कि जनता जब अपने पर आती है बड़ी बड़ी सरकारे जमीन पर आ जाती है इसलिए याद रखना साहेब-
तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था
उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यक़ीं था