शरद पवार के भतीजे अजित के 4o विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने की चर्चा, पवार ने इसे मीडिया अटकलें बताया। अजित ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पार्टी का झंडा हटाया
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दिल्ली। नितिन गडकरी के साथ उपमुख्यमंत्री की शपथ लेकर 24 घंटे में वापस लौटने वाले। अजित पवार के फिर भाजपा में जाने की खबरे उड़ रही है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने हालांकि इसे सिर्फ अटकलें बताया है। पवार ने मंगलवार को कहा कि इस बारे में सिर्फ मीडिया में बात हो रही है।
पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए अजित चुनाव में व्यस्त हैं। इस बीच, अजित ने फेसबुक और ट्विटर से एनसीपी का बैनर हटा दिया है।ऐसा कहा जा रहा है कि अजीत के साथ एनसीपी के 40 विधायक हैं।
उधर, उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि यह सब बीजेपी के लोग कर रहे हैं। अजित के खिलाफ खबरें प्लांट करवाई जा रही हैं। अजित ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे। अजित महाविकास अघाड़ी के आधार स्तंभ हैं। मेरी खुद आज शरद पवार समेत कई एनसीपी नेताओं से बात हुई हैं।
एनसीपी को तोड़ने की कोशिशें हो रही है, लेकिन पार्टी आज भी एनसीपी के साथ है। शिवसेना की तरह एनसीपी को भी तोड़ने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।इस बीच पार्टी के ही तीन विधायक माणिक कोकाटे, सुनील शेलके और अन्ना बनसोड खुलकर अजित पवार के समर्थन में आ गए हैं। तीनों विधायकों ने कहा कि अजित जो भी फैसला लेंगे, हम उनके साथ खड़े रहेंगे।
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रकाश आंबेडकर के एक बयान पर कहा, ‘एक धमाका दिल्ली में और एक राज्य में होगा, लेकिन मैं वास्तव में आज में जीने वाली हूं, 15 दिन बाद क्या होगा। यह मैं नहीं बता सकती। ऐसा कहकर उन्होंने सवाल टाल दिया।
दरअसल, उनसे आंबेडकर के 15 दिनों में राज्य में दो बड़े धमाके होने वाले बयान पर सवाल पूछा गया था।’कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सोमवार को अजित पवार ने एनसीपी के कुछ विधायकों के साथ बैठक की है। इस पर शरद पवार ने आज (मंगलवार) को कहा कि अजित ने ऐसी कोई मीटिंग नहीं बुलाई।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा भी कहा जा रहा है कि अजित भाजपा और शिंदे गुट के साथ जा सकते हैं। उनके साथ पार्टी के 40 विधायक हैं।10 दिन पहले शरद पवार ने अडाणी-हिंडनबर्ग केस में विपक्ष कीजॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की मांग को बेकार बताया था। कांग्रेस ने पवार के इस बयान से खुद को अलग कर लिया था। उनके इस रुख को भी भाजपा के खिलाफ नरमी के तौर पर देखा गया।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, एनसीपी के कुल 53 में से 40 विधायक अजित पवार के साथ हैं। भाजपा को सपोर्ट करने के लिए अजित लगातार इन सभी विधायको के संपर्क में हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि अजित ने इन सभी विधायकों से सहमति पत्र भी ले लिए हैं। वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। बाहर से समर्थन देंगे।
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