Karnataka CM Son

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कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट: CM सिद्धारमैया के बेटे बोले- पिता 2028 चुनाव नहीं लड़ेंगे, अब किसी और को मिले जिम्मेदारी

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Karnataka CM Son: कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और विधान परिषद सदस्य यथींद्र सिद्धारमैया ने ऐसा बयान दे दिया जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी।

यथींद्र ने कहा कि उनके पिता अब अपने राजनीतिक जीवन के आखिरी चरण में हैं और उन्हें अब किसी और योग्य नेता को आगे आने का मौका देना चाहिए।

बुधवार (22 अक्टूबर) कोबेलगावी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए यथींद्र ने कहा,

“मेरे पिता को अब एक मजबूत विचारधारा और प्रगतिशील सोच वाले नेता की जरूरत है, जिनके वे मार्गदर्शक बन सकें। सतीश जारकीहोली ऐसे नेता हैं जो कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ा सकते हैं और संगठन को प्रभावी ढंग से नेतृत्व दे सकते हैं।”

उनके इस बयान को राज्य में सिद्धारमैया के संभावित उत्तराधिकारी और नेतृत्व परिवर्तन से जोड़कर देखा जा रहा है।

कांग्रेस सरकार के सत्ता में आए अब ढाई साल से अधिक हो चुके हैं, और इस दौरान डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें कई बार उठ चुकी हैं।

शिवकुमार का जवाब- “नो कमेंट्स”

सीएम के बेटे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम शिवकुमार ने कहा, “नो कमेंट्स।”

हालांकि, राजनीतिक गलियारों में इस टिप्पणी को काफी कुछ कह देने वाला माना जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यथींद्र का यह बयान सिर्फ एक निजी राय नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।

इससे एक संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि सत्ता पर अभी भी सिद्धारमैया गुट का नियंत्रण कायम है और शिवकुमार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

सिद्धारमैया पहले भी दे चुके हैं सफाई

यह पहली बार नहीं है जब सिद्धारमैया के पद छोड़ने की चर्चा हुई हो।

पिछले महीने भी ऐसी खबरें सामने आई थीं कि वह डिप्टी सीएम शिवकुमार के लिए कुर्सी छोड़ सकते हैं।

हालांकि, सिद्धारमैया ने खुद सामने आकर इन खबरों का खंडन किया था।

उन्होंने कहा था, मैं पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा।

कांग्रेस सांसद एल.आर. शिवराम गौड़ा ने भी हाल ही में इस मुद्दे पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भ्रम दूर करने की अपील की थी।

गौड़ा ने कहा था कि पार्टी को दोनों नेताओं के बीच संतुलन बनाए रखना आता है।

शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने में कोई संदेह नहीं, लेकिन अंतिम फैसला आलाकमान का ही होगा। 

शुरुआत से ही रहा है सत्ता का संघर्ष

इसके पहले भी 10 जुलाई को सिद्धारमैया ने भी दो टूक कहा था कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई “वैकेंसी” नहीं है।

उन्होंने स्पष्ट किया था कि वे मुख्यमंत्री के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सिद्धारमैया को हटाने की अटकलों को पूरी तरह निराधार बताया था।

बता दें कि मई 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी।

पार्टी ने अंततः दोनों के बीच समझौता करवाते हुए सिद्धारमैया को सीएम और शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया।

उस समय यह भी खबर आई थी कि रोटेशनल चीफ मिनिस्टर फॉर्मूला पर समझौता हुआ है, जिसके तहत शिवकुमार ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे।

हालांकि, पार्टी ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया।

वहीं, अब जब मुख्यमंत्री के बेटे ने खुद संकेत दिए हैं कि सिद्धारमैया 2028 का चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा फिर से तेज होना स्वाभाविक है।

हालांकि, पार्टी नेतृत्व इस पर चुप है और आधिकारिक रूप से किसी बदलाव से इनकार कर रहा है।

लेकिन यथींद्र का बयान यह साफ संकेत देता है कि कर्नाटक की राजनीति में आने वाले महीनों में सत्ता समीकरण बदलने की जमीन तैयार हो रही है।

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