Jan Suraaj Party Candidate

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बिहार चुनाव 2025: जनसुराज की पहली लिस्ट, कर्पूरी ठाकुर की पोती से लेकर RCP सिंह की बेटी को टिकट

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Jan Suraaj Party Candidate: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने गुरुवार को अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है।

पटना के शेखपुरा हाउस में जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने 51 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। इस दौरान प्रशांत किशोर मौजूद नहीं रहे।

लिस्ट जारी होते ही कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष भी दिखा। जिन्हें टिकट नहीं मिला उन्होंने मौके पर ही हंगामा कर दिया।

कर्पूरी ठाकुर की पोती, RCP सिंह की बेटी

जनसुराज की इस पहली सूची में कई चौंकाने वाले नाम शामिल हैं।

समस्तीपुर की मोरवा सीट से कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर को टिकट दिया गया है।

नालंदा की अस्थावां सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह की बेटी लता सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है।

वहीं, गोपालगंज से प्रीति किन्नर को टिकट देकर जनसुराज ने समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने का संदेश दिया है।

इसके अलावा गणितज्ञ केसी सिन्हा को पटना के कुम्हरार से और पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील वाईबी गिरी को सारण की मांझी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।

90% नए चेहरे, सबसे युवा लता सिंह

जनसुराज ने दावा किया था कि वह राजनीति में नए लोगों को मौका देगी।

लिस्ट देखकर यह दावा काफी हद तक सही साबित होता है।

अधिकांश उम्मीदवार पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

सूची में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार 70 वर्षीय वकील वाईबी गिरी हैं।

जबकि सबसे कम उम्र की उम्मीदवार 35 वर्षीय लता सिंह (RCP सिंह की बेटी) हैं।

जातीय समीकरण पर PK का ध्यान

जनसुराज ने उम्मीदवार चयन में सामाजिक और जातीय संतुलन साधने की कोशिश की है।

पार्टी ने बताया कि उसकी पहली सूची में सबसे अधिक 17 उम्मीदवार EBC (अति पिछड़ा वर्ग) से हैं।

वहीं SC/ST वर्ग से 7, OBC वर्ग से 11, अल्पसंख्यक वर्ग से 9 और सामान्य वर्ग से 7 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है।

जनसुराज प्रमुख उदय सिंह ने बताया कि पार्टी का लक्ष्य हर वर्ग और क्षेत्र के प्रतिनिधियों को मौका देना है।

उन्होंने कहा, हम हर एक-दो दिन के अंतराल पर नई सूचियां जारी करते रहेंगे।

हमारा चुनाव अभियान 11 अक्टूबर से शुरू होगा। प्रशांत किशोर राघोपुर से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे।

राघोपुर से नहीं घोषित किया कैंडिडेट

पहली सूची में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की रही कि पार्टी ने तेजस्वी यादव की सीट राघोपुर से किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

इसे लेकर राजनीतिक हलकों में कयास तेज हैं कि प्रशांत किशोर खुद राघोपुर से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।

दरअसल, प्रशांत किशोर पहले भी कह चुके हैं, मैं या तो अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि से चुनाव लड़ूंगा।

उन्होंने अपनी जन्मभूमि सासाराम जिले की करगहर सीट से रितेश पांडेय को टिकट दिया है।

मगर अपनी कर्मभूमि राघोपुर से अभी तक कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है।

इससे यह संभावना प्रबल होती दिख रही है कि PK खुद इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

टिकट नहीं मिलने पर नेताओं में नाराजगी

उम्मीदवार सूची जारी होने के बाद कुछ कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं में असंतोष भी दिखा।

पार्टी की नेता पुष्पा सिंह ने टिकट वितरण पर सवाल उठाते हुए कहा, हमने बाकी पार्टियां छोड़कर जनसुराज पर भरोसा किया।

प्रशांत किशोर की पदयात्रा में लगातार साथ रहे, लेकिन टिकट नहीं मिला।

जिन लोगों के नाम घोषित किए गए हैं, वे अपने क्षेत्र में कभी सक्रिय नहीं रहे। हमारे साथ इंसाफ नहीं हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, पार्टी कार्यालय में कुछ समर्थकों ने नारेबाजी भी की, हालांकि बाद में स्थिति को संभाल लिया गया।

बदलाव की निर्णायक लड़ाई शुरू- PK 

उम्मीदवार सूची जारी होने के बाद प्रशांत किशोर ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने लिखा, बिहार में बदलाव और एक बेहतर व्यवस्था के निर्माण के लिए जनसुराज की जो यात्रा शुरू हुई थी, वह अब निर्णायक मोड़ पर है।

हमने जनता से वादा किया था कि ऐसे लोगों को टिकट दिया जाएगा जो समाज को सुधारने की क्षमता रखते हैं।

सूची में उन्हीं लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक मेहनत की है।

PK ने कहा कि जनसुराज का लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में साफ-सुथरी व्यवस्था स्थापित करना है।

नीतीश-तेजस्वी के खिलाफ लड़ने के संकेत

प्रशांत किशोर ने हाल के बयानों में नीतीश कुमार और तेजस्वी याद दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे।

उन्होंने कहा था, अगर नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं, तो मैं उनके खिलाफ मैदान में उतरूंगा।

लेकिन 20 वर्षों से वे सीधे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वे पीछे के दरवाजे से राजनीति कर रहे हैं।

इसी तरह तेजस्वी यादव के राघोपुर से भी उन्होंने मुकाबले की इच्छा जताई थी।

PK ने कहा था कि दूसरी जगह से चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है, अगर लड़ूंगा तो तेजस्वी के खिलाफ ही लड़ूंगा।

करगहर से चुनाव लड़ने की सबसे ज्यादा संभावना

करीब एक माह पहले एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा था कि वे दो जगहों से चुनाव लड़ सकते हैं — जन्मभूमि करगहर और कर्मभूमि राघोपुर से।

करगहर सीट पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होगा। यह सीट ब्राह्मण बहुल मानी जाती है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस सीट से PK के मैदान में उतरने की संभावना अधिक है, क्योंकि उन्होंने यहां कई वर्षों तक सामाजिक अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई है।

बहरहाल, जनसुराज की यह पहली सूची प्रशांत किशोर की उस राजनीतिक सोच की झलक देती है जिसमें वे जातीय समीकरण के साथ-साथ नए चेहरों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

समाज के हर वर्ग — पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, महिलाओं और तीसरे लिंग — को टिकट देकर पार्टी ने “समान भागीदारी” का संदेश दिया है।

अब देखना होगा कि PK खुद किस सीट से चुनावी मैदान में उतरते हैं और जनसुराज की यह नई प्रयोगशील राजनीति बिहार की पारंपरिक राजनीति में कितना असर डाल पाती है।

 

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