Sonam Wangchuk Arrest

Sonam Wangchuk Arrest

नेपाल की राह पर लेह! सोनम वांगचुक NSA के तहत अरेस्ट, हालात तनावपूर्ण-कर्फ्यू लागू

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Sonam Wangchuk Arrest: लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर भड़की हिंसा के बाद हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।

जाने-माने सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार को पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया।

आरोप है कि उनके भड़काऊ भाषण और अपीलों की वजह से 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़की थी। इसमें 4 लोगों की मौत और 90 से अधिक लोग घायल हुए थे।

तीसरे दिन भी कर्फ्यू

लेह जिला प्रशासन ने लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू लागू रखा है। सभी सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज तथा आंगनवाड़ी केंद्र 2 दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं।

कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लेह के साथ कारगिल में भी धारा 144 लागू है। हिंसा के बाद से मोबाइल इंटरनेट बंद है और ब्रॉडबैंड की स्पीड भी सीमित कर दी गई है।

हिंसा कैसे भड़की?

इस हिंसा की शुरुआत 23 सितंबर की रात को हुई, जब आंदोलनकारियों ने अगले दिन “लद्दाख बंद” का आह्वान किया।

सोशल मीडिया के जरिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटी और 24 सितंबर को लेह हिल काउंसिल दफ्तर के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए और आंसू गैस छोड़ी। लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई और पुलिस वाहनों में आग लगा दी।

इस दौरान पुलिस और भीड़ के बीच झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 पुलिसकर्मियों सहित 90 लोग घायल हुए।

प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस और सरकारी संपत्तियों पर भी हमला किया। पुलिस अब तक 60 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

यहां पढ़ें पूरी खबर – लद्दाख हिंसा में 4 की मौत, 70 से ज्यादा घायल: छात्रों की पुलिस से झड़प, BJP दफ्तर फूंका,

सोनम वांगचुक पर आरोप

गृह मंत्रालय का कहना है कि 24 सितंबर को सुबह 11:30 बजे सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल स्थल से युवाओं को संबोधित किया।

भाषण के बाद ही भीड़ बेकाबू होकर बीजेपी दफ्तर और सरकारी वाहनों पर टूट पड़ी।

मंत्रालय ने कहा कि वांगचुक ने युवाओं को अरब स्प्रिंग और नेपाल के Gen-Z आंदोलन का हवाला देकर उकसाया।

सोनम वांगचुक ने कहा कि उनके खिलाफ पुरानी शिकायतें फिर से खोली जा रही हैं।

उन्होंने कहा- CBI को 2022-24 के खातों की जांच करनी थी, लेकिन अब 2020-21 के रिकॉर्ड भी देखे जा रहे हैं।

यहां तक कि शिकायत से बाहर के स्कूलों से भी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं।

लद्दाख में टैक्स नहीं है, फिर भी मैं स्वेच्छा से टैक्स देता हूं, बावजूद इसके आयकर विभाग से नोटिस भेजा जा रहा है।

NGO और फंडिंग पर कार्रवाई

हिंसा के बाद सरकार ने सोनम वांगचुक से जुड़े एनजीओ पर भी सख्ती की है।

  • SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया। आरोप है कि संस्था ने फंडिंग का गलत इस्तेमाल किया।
  • CBI ने HIAL (Himalayan Institute of Alternatives Ladakh) के खिलाफ भी FCRA उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई टीम एनजीओ के अकाउंट्स और रिकॉर्ड की जांच कर रही है।
  • सरकार ने HIAL को दी गई जमीन की लीज भी रद्द कर दी, यह कहते हुए कि फीस जमा नहीं की गई।

बता दें सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी। हालांकि 24 सितंबर को हिंसा बढ़ने के बाद उन्होंने अपना अनशन खत्म कर दिया था।

उनकी मुख्य मांगें थीं लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, छठी अनुसूची में शामिल किया जाए और क्षेत्र को संवैधानिक गारंटी और अधिक स्वायत्तता मिले।

लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने सुरक्षा बैठक बुलाई और इसे एक “षड्यंत्र” करार दिया। उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

केंद्र सरकार ने भी कहा है कि लद्दाख में स्थिति सामान्य करने के लिए लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ लगातार संवाद जारी है।

अब 6 अक्टूबर को दिल्ली में बैठक होगी, जिसमें केंद्र सरकार और क्षेत्रीय संगठन लद्दाख की मांगों पर चर्चा करेंगे।

गौरतलब है कि 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।

उस समय सरकार ने भरोसा दिलाया था कि हालात सामान्य होने पर लद्दाख को राज्य का दर्जा देने पर विचार किया जाएगा।

 

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