Nepal Gen Z Protest: एक साल पहले भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की सत्ता में ऐसा तूफान आया था कि शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था।
अब भारत के एक और पड़ोसी देश नेपाल में ठीक ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। एक साल इतिहास फिर से दोहरा रहा है।
नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगाने के फैसले के खिलाफ भड़का Gen-Z आंदोलन अब बड़े राजनीतिक संकट का रूप ले चुका है।
राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में लगातार प्रदर्शन, हिंसा और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं।
हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। पीएम के अलावा अब तक 4 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति से लेकर पीएम के आवास पर तोड़फोड़ की, पूर्व प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों के घरों हमला कर आगजनी की।
हालात को संभालने के लिए प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, वहीं नेपाल सेना ने भी आपात बैठक आयोजित की है।
प्रदर्शन के बीच PM ओली का इस्तीफा
नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
उनके इस्तीफे की मांग को लेकर मंगलवार को राजधानी काठमांडू समेत नेपाल के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन हुए हैं।
प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुस गए हैं और आगजनी की है। विपक्षी नेता उनके पद की इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
केपी शर्मा ओली 1 साल और 2 महीने ही पद पर रह सके। वे 15 जुलाई 2024 को तीसरी बार पीएम बने थे।
प्रधानमंत्री के बाद नेपाल के राष्ट्रपति ने भी इस्तीफा दे दिया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
इससे कुछ देर पहले ही केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा देकर काठमांडू छोड़ दिया था।
हिंसक होते प्रदर्शन में 19 की मौत
सोमवार से जारी प्रदर्शनों में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। काठमांडू की सड़कों पर युवाओं ने जगह-जगह आगजनी की।
संसद भवन के बाहर हजारों प्रदर्शनकारी जमा हुए और बैरिकेड्स तोड़कर भीतर घुसने की कोशिश की।
पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए बल प्रयोग और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
प्रदर्शन के दौरान ग्लोबल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के छात्र श्रीयम चौलागैन की भी मौत हो गई।
पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने Gen Z आंदोलन पर सरकारी कार्रवाई के दौरान हुई जनहानि पर निराशा जताई है।
उन्होंने कहा कि युवाओं की जायज मांगों पर ध्यान दिए बिना उनकी जान लेना बेहद दुखद है।
नेताओं के घरों और दफ्तरों में आगजनी
मंगलवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पैडोल और पीएम केपी शर्मा ओली के निजी आवास पर प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की।
इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, शेर बहादुर देउबा के घर पर भी आगजनी की है।
प्रदर्शनकारियों ने इस्तीफा दे चुके गृहमंत्री रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घरों पर हमला किया।
ललितपुर जिले में मंत्री गुरुंग के घर पर पहले पथराव हुआ और फिर आगजनी की गई।
वहीं, सानेपा स्थित नेपाली कांग्रेस के मुख्यालय को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया।
राजधानी में केपी शर्मा ओली की पार्टी CPN (UML) के कार्यालय में भी आगजनी की गई।
प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को झापा स्थित नेपाली कांग्रेस महासचिव विश्वप्रकाश शर्मा के घर में भी आग लगा दी।
इससे पहले, प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू कांग्रेस महासचिव गगन कुमार थापा के ङर और बनेश्वर हाइट्स स्थित पूर्व उपराष्ट्रपति बिमलेंद्र निधि के घर में भी आग लगाई थी।
इस्तीफों की झड़ी से सरकार पर दबाव
राजनीतिक हलचल के बीच इस्तीफों का सिलसिला जारी है। अब तक 4 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।
इनमें गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव शामिल हैं।
गृहमंत्री रमेश लेखक ने सोमवार को पद छोड़ा। मंगलवार को कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बलपूर्वक दबाना लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही है। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल ने भी पद छोड़ते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में सरकार का हिस्सा बने रहना बेकार है।
नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की घोषणा की और प्रधानमंत्री ओली को तुरंत पद छोड़ने की मांग की।
युवा एवं खेल मंत्री तेजूलाल चौधरी ने भी संकेत दिया है कि वे पार्टी के निर्देश मिलते ही इस्तीफा दे देंगे।
रबि लामिछाने की पार्टी के सभी सांसदों का इस्तीफा
नेपाल कांग्रेस और सत्तारूढ़ गठबंधन से इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है।
नेपाल की चौथी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) के सभी 21 सांसदों ने भी इस्तीफा दे दिया है। पार्टी अध्यक्ष रबि लामिछाने को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
जुलाई 2024 में यह पार्टी पहले ही सरकार से अलग हो गई थी। ताजा घटनाक्रम के बाद नेपाल की राजनीति और अस्थिर हो गई है।
नेपाल में जुलाई 2024 से शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस (88 सीटें) और केपी शर्मा ओली की CPN (UML) (79 सीटें) मिलकर सरकार चला रही है।
अब तक इस्तीफा देने वाले सभी मंत्री नेपाली कांग्रेस से हैं। ऐसे में गठबंधन टूटने और सरकार गिरने का खतरा बढ़ गया है।
सेना और सरकार की आपात बैठकें
तेजी से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए नेपाल सेना ने भी आपात बैठक बुलाई है।
सेना के प्रवक्ता असिस्टेंट कर्नल राजाराम बसनेत ने कहा कि हालात पर गंभीर चर्चा हो रही है और बैठक खत्म होने के बाद सेना की भूमिका स्पष्ट होगी।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने भी शाम 6 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
उन्होंने नागरिकों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की और कहा कि सरकार सभी दलों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश कर रही है।
राजधानी काठमांडू में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू
हिंसा को रोकने के लिए प्रशासन ने राजधानी काठमांडू में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है।
यह आदेश 8 सितंबर सुबह 8:30 बजे से लागू हुआ और अगली सूचना तक जारी रहेगा।
इस दौरान काठमांडू महानगरपालिका में किसी भी तरह की सभा, जुलूस, घेराव और सार्वजनिक कार्यक्रम पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
हालांकि, जरूरी सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, दमकल, स्वास्थ्यकर्मी, पत्रकार, पर्यटक वाहन, मानवाधिकार संगठनों और राजनयिक वाहनों को छूट दी गई है।
हवाई यात्रियों को टिकट दिखाने पर एयरपोर्ट जाने की अनुमति होगी। वहीं, नेपाल में हिंसा फैलने के बाद भारत में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
बिहार के सात जिलों — पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल और किशनगंज — की सीमाएं सील कर दी गई हैं।
सीमा सुरक्षा बल (SSB) हाई अलर्ट पर है और आने-जाने वालों की कड़ी तलाशी हो रही है।
नेपाल छो़ड़कर जा सकते हैं PM ओली
इधर जहां नेपाली कांग्रेस महासचिव गगन थापा ने प्रधानमंत्री ओली पर सीधे तौर पर हमला किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर दमन किया, जिसकी जिम्मेदारी ओली को लेनी चाहिए और तुरंत पद से इस्तीफा देना चाहिए।
वहीं, दूसरी ओर चर्चा है कि शेख हसीना की तरह प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली देश छोड़कर भाग सकते हैं।
काठमांडू में एक हैलिकॉप्टर वहां उतरा है जहां मंत्रियों के घर हैं और एक नेपाली सेना का हैलिकॉप्टर एयरपोर्ट पर उतरा है।
बहरहाल, नेपाल में सोशल मीडिया बैन को लेकर शुरू हुआ युवा विरोध अब सत्ता की जड़ों को हिला रहा है।
लगातार इस्तीफों, हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल ने गठबंधन सरकार की स्थिरता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
सेना और सरकार की बैठकों से स्थिति स्पष्ट होगी, लेकिन मौजूदा हालात में नेपाल गहरे राजनीतिक संकट की ओर बढ़ता दिख रहा है।
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