Brazil President Lula Da Silva: अमेरिका और ब्राजील के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील से आने वाले सभी उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
इसके जवाब में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने ट्रंप के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
लूला ने साफ कह दिया कि वे टैरिफ जैसे गंभीर मुद्दे पर ट्रंप से बात नहीं करना चाहते।
इसके अलाना वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करेंगे।
इस बयान के बाद अमेरिका और ब्राजील के बीच रिश्तों में और कड़वाहट आ गई है।
ट्रंप का ऑफर लूला ने ठुकराया
डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले कहा था कि अगर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा चाहें, तो टैरिफ मुद्दे पर उनसे कभी भी बात कर सकते हैं।
उन्होंने कहा था कि वे ब्राजील के लोगों से प्यार करते हैं लेकिन जो लोग अभी ब्राजील को चला रहे हैं, वे गलत कर रहे हैं।
ट्रंप ने कहा था कि यह टैरिफ इसलिए लगाया गया है क्योंकि लूला सरकार पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के खिलाफ बदले की कार्रवाई कर रही है।
हालांकि, इस ऑफर पर लूला दा सिल्वा ने दो टूक जवाब दिया।
उन्होंने कहा, मैं ट्रंप को कॉल नहीं करूंगा। मैं शी जिनपिंग को कॉल करूंगा, मैं प्रधानमंत्री मोदी को कॉल करूंगा।
मैं राष्ट्रपति पुतिन को अभी कॉल नहीं करूंगा क्योंकि वे ट्रेवल नहीं कर सकते, लेकिन मैं कई अन्य राष्ट्रपतियों से बात करूंगा।
लूला ने यह भी कहा कि ट्रंप टैरिफ लगाकर ब्राजील की संप्रभुता और न्याय व्यवस्था में दखल दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ब्राजील अमेरिका के दबाव में नहीं आएगा और अपने हितों की रक्षा के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज करेगा।
ट्रम्प की मांग, बोल्सोनारो का केस खत्म हो
ट्रंप ने ब्राजील पर 50% टैरिफ लगाने के पीछे यह कारण बताया है कि ब्राजील की सरकार ने बोल्सोनारो के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से केस दर्ज किया है।
बोल्सोनारो पर आरोप है कि उन्होंने 2022 में राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद सत्ता पलटने की साजिश रची थी।
8 जनवरी 2023 को ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में हिंसक दंगे हुए थे, जिसमें उनके समर्थक शामिल थे।
इस घटना के बाद बोल्सोनारो के खिलाफ मुकदमा चल रहा है।
ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने बोल्सोनारो पर आरोप तय करते हुए उन्हें 2030 तक किसी भी चुनाव में हिस्सा लेने से रोक दिया है।
कोर्ट ने पाया कि बोल्सोनारो ने जुलाई 2022 में विदेशी राजदूतों के साथ बैठक में ब्राजील की चुनाव प्रणाली को लेकर गलत जानकारी फैलाई।
साथ ही लोगों के मन में चुनावी प्रक्रिया पर शक पैदा किया। कोर्ट ने इसे सत्ता के दुरुपयोग और लोकतंत्र के खिलाफ साजिश माना।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार बोल्सोनारो का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बोल्सोनारो एक सम्मानित नेता हैं और उनके साथ जो हो रहा है वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मनाक है।
ट्रंप ने कहा कि ब्राजील में अभिव्यक्ति की आजादी को दबाया जा रहा है और फ्री इलेक्शन पर हमला हो रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप थोप रही है।
ब्रिक्स देशों के साथ मजबूत करेंगे व्यापार
लूला ने यह तो साफ कर दिया है कि वे ट्रंप से टैरिफ पर बात नहीं करेंगे।
लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि वे नवंबर में होने वाले COP-30 (जलवायु सम्मेलन) में ट्रंप को आमंत्रित जरूर करेंगे।
यह सम्मेलन नवंबर 2025 में ब्राजील के बेलम शहर में आयोजित होना है।
लूला ने कहा कि जलवायु जैसे वैश्विक मुद्दों पर संवाद जरूरी है, इसलिए वे सभी राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करेंगे।
लूला ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ से निपटने के लिए ब्राजील अब ब्रिक्स देशों के साथ अपने व्यापार को और मजबूत करेगा।
उनकी सरकार पहले से ही दूसरे देशों के साथ नए व्यापारिक समझौते करने पर काम कर रही है, ताकि घरेलू कंपनियों को अधिक अवसर मिल सकें।
वे अमेरिका की सरकार बदलने से पहले ही तैयारी कर रहे थे कि कैसे ब्राजील का अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ाया जाए और अमेरिकी दबाव से निपटा जाए।
साथ ही ब्राजील की सरकार ने संकेत दिया है कि वे इस टैरिफ के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में औपचारिक शिकायत दर्ज करेगी।
लूला का कहना है कि ब्राजील एक संप्रभु देश है और अगर अमेरिका मनमाने तरीके से टैक्स लगाएगा, तो ब्राजील जवाबी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
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