Russia Earthquake Tsunami: रूस के पूर्वी प्रायद्वीप कामचटका में बुधवार तड़के 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप दर्ज किया गया।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण संस्था (USGS) के अनुसार, यह भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 4:54 बजे आया और इसका केंद्र जमीन से 19.3 किलोमीटर नीचे था।
रूस में आए इस शक्तिशाली भूकंप को दुनिया का छठा सबसे बड़ा भूकंप बताया जा रहा है।
भूकंप के बाद उठी 4 से 5 मीटर ऊंची सुनामी लहरों ने कामचटका और कुरील द्वीप समूह के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई।
अब तक 12 देशों में सुनामी अलर्ट जारी किया गया है, जिनमें जापान, अमेरिका, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, चीन, पेरू, भारत शामिल हैं।
कामचटका में तबाही के बाद आपातकाल की घोषणा
कामचटका और इसके कुरील द्वीप समूह में भूकंप और सुनामी की लहरों ने तबाही मचाई।
4 से 5 मीटर ऊंची लहरों ने कई घरों, इमारतों और सरकारी ढांचों को नुकसान पहुंचाया है।
एक किंडरगार्टन स्कूल को भी गंभीर क्षति पहुंची है। कई घरों की छतें गिर गईं और बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित हो गई।
कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने इसे दशकों में सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया और पूरे इलाके में आपातकाल घोषित कर दिया।
करीब 2,700 लोगों को तटीय इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
राहत और बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ सेना और हेलिकॉप्टरों की मदद ली जा रही है।
सरकारी भवनों और आपदा राहत केंद्रों को अलर्ट मोड में डाल दिया गया है।
रूस में 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद NHK ने जारी की जापान में सुनामी की चेतावनी#Russia #Tsunami #earthquake #RussiaEarthquake #JapanTsunami #BreakingNews #Japan
Alaska | Hokkaido | Praying |pic.twitter.com/2Yt9nLjS7t— politicswala (@politicswala1) July 30, 2025
जापान: फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से कर्मचारियों की निकासी
जापान के पूर्वी और उत्तरी तटीय इलाकों में 1 फुट से लेकर 40 सेंटीमीटर तक ऊंची सुनामी लहरें दर्ज की गई हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जापान सरकार ने करीब 20 लाख लोगों को तटीय इलाकों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (TEPCO) ने फुकुशिमा दाइची और फुकुशिमा दाइनी न्यूक्लियर प्लांट से कर्मचारियों को सुरक्षित जगहों पर भेजा है।
जापान सरकार ने यह भी कहा है कि सुनामी लहरें एक दिन से ज्यादा समय तक रुक-रुक कर आ सकती हैं, इसलिए लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
अमेरिका: हवाई और अलास्का में भी खतरे की घंटी
अमेरिका के हवाई में सुनामी की पहली लहरें टकरा चुकी हैं, जिनकी ऊंचाई लगभग 4 फीट रही।
अमेरिकी सुनामी चेतावनी केंद्र ने आशंका जताई है कि आने वाले घंटों में 10 फीट तक ऊंची लहरें आ सकती हैं।
हवाई के सभी बंदरगाहों को खाली कर दिया गया है और सभी जहाजों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अलास्का के तटीय इलाकों में भी सुनामी की पहली लहरें आ चुकी हैं।
लहरों की ऊंचाई को लेकर अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन लोगों को ऊंचे इलाकों की ओर जाने की सलाह दी गई है।
लॉस एंजिलिस में पुलिस हेलिकॉप्टरों के जरिए सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है।
इन 12 देशों में जारी हुआ सुनामी अलर्ट
1.रूस – कामचटका और कुरील द्वीप समूह
2.जापान – देशभर में
3.अमेरिका – हवाई, अलास्का, कैलिफोर्निया
4.कनाडा – ब्रिटिश कोलंबिया
5.इक्वाडोर – गैलापागोस द्वीप समूह
6.पेरू – तटीय इलाके
7.मेक्सिको – तटीय इलाके
8.न्यूजीलैंड – पूरे प्रशांत द्वीप क्षेत्र
9.चीन – पूर्वी तट
10.फिलीपींस
11.ताइवान
12.इंडोनेशिया
दुनिया के 10 सबसे बड़े भूकंप
रूस का यह भूकंप दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली भूकंपों में शामिल हो गया है।
ये हैं अब तक दर्ज किए गए दुनिया के 10 सबसे बड़े भूकंप –
1 – 9.5 तीव्रता (1960) – बिओबियो, चिली
2 – 9.2 तीव्रता (1964) – अलास्का, अमेरिका
3 – 9.1 तीव्रता (2004) – सुमात्रा, इंडोनेशिया
4 – 9.1 तीव्रता (2011) – तोहोकू, जापान
5 – 9.0 तीव्रता (1952) – कामचटका, रूस
6 – 8.8 तीव्रता (2010) – बायोबियो, चिली
7 – 8.8 तीव्रता (1906) – एस्मेराल्डास, इक्वाडोर
8 – 8.7 तीव्रता (1965) – अलास्का, अमेरिका
9 – 8.6 तीव्रता (1950) – अरुणाचल प्रदेश, भारत
10 – 8.6 तीव्रता (2012) – सुमात्रा, इंडोनेशिया
प्रशांत महासागर में फैला सुनामी का खतरा
कामचटका में सुनामी के अलावा खुद भूकंप से भी कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। कई भवनों में दरारें पड़ी हैं और कुछ ढह भी गए हैं।
प्रशासन के अनुसार अभी तक किसी बड़े जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राहत-बचाव कार्य जारी है।
अनुमान है कि दिन के उजाले में नुकसान की तस्वीर और स्पष्ट होगी।
यह भूकंप न केवल रूस बल्कि प्रशांत महासागर से सटे सभी देशों के लिए खतरे की घंटी है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24-48 घंटे सबसे अहम होंगे।
तटीय क्षेत्रों में लोगों से बार-बार सतर्कता बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की जा रही है।
दुनिया भर की आपदा प्रबंधन एजेंसियां इस विनाशकारी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारी में जुटी हुई हैं।
You may also like
-
संसद में समोसा: BJP सांसद रवि किशन बोले- कहीं छोटा-कहीं बड़ा समोसा, दाम भी रहते हैं अलग-अलग
-
फिर धोखा दे गए ‘फ्रेंड डोनाल्ड ट्रंप’: दुश्मन देश के साथ मिलाया हाथ, भारतीय कंपनियों पर बैन और 25 % टैरिफ
-
टैरिफ वॉर: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की इकॉनमी को बताया डेड, राहुल गांधी बोले- फैक्ट है, दुनिया जानती है
-
मालेगांव ब्लास्ट केस: पूर्व सासंद साध्वी प्रज्ञा समेत 7 आरोपी बरी, 2008 का वो धमाका जिसने देश को झकझोर दिया था
-
All Top AI Platforms in One App: First Month Free