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-6 भाग में बंटा 275 किमी लंबा रूट
-जून में प्रथम तल पर रामदरबार समेत परिसर में 18 मंदिरों के मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है
-3350 करोड़ लागत से बना 275 किमी लम्बा होगा मार्ग
अयोध्या। अब जब आप राम जन्म भूमि अयोध्या श्री राम के दर्शन करने जायेंगे तो कुछ समय बाद आपको ये देखकर ख़ुशी होगी कि 84 कोसी परिक्रमा के लिए फोरलेन मार्ग बन गया है। अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर निर्माण के बीच रामनगरी अयोध्या के इर्द-गिर्द से गुजरने वाली 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर फोर लेन सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। जो करीब साढ़े तीन हजार करोड़ में बनकर तैयार होगा।
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर निर्माण के बीच रामनगरी अयोध्या के इर्द-गिर्द से गुजरने वाली 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर फोर लेन सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। कुल 3350 करोड़ लागत के 275 किमी लंबे 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टेंडर लगभग प्रक्रिया पूरी कर ली है और जमीन अधिग्रहण के साथ योजना पर काम शुरू कराया गया है। वहीं एनएचएआई की ओर से इस राजमार्ग के निर्माण की कवायद के बीच राजमार्ग के वार्षिक अनुरक्षण (Annual Maintenance)के लिए बजट जारी किया है।
कुल 275 किमी लंबे 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने छह भाग में विभाजित किया है और खंडवार निर्माण तथा वार्षिक अनुरक्षण की योजना पर काम कराया जा रहा है। प्राधिकरण की ओर से मार्ग के वार्षिक अनुरक्षण के लिए खंड एक से तीन का एक साथ बजट दिया गया है, जबकि खंड पांच और छह के लिए अलग-अलग बजट तय किया है।
इन सुविधाओं का होगा विकास
84 कोसी परिक्रमा त्रेतायुगीन कौशलदेश की सीमा में स्थित जनपद अयोध्या समेत आसपास के जिलों अंबेडकरनगर, बस्ती, बाराबंकी और गोंडा से होकर गुजरती है। परिक्रमार्थी आसपास के जनपदों स्थित विभिन्न तीर्थ स्थलों, ऋषि-महर्षियों के आश्रमों, कुंडों तालाबों आदि पौराणिक काल से परिक्रमा करते रहे हैं। इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व को लेकर केंद्र सरकार की ओर से 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग 227 बी घोषित किया गया था और पूरे परिक्रमा पथ को 45 मीटर चौड़ा टू लेन पेवर्ड ब्लाक सड़क बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
अयोध्या में द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयारियां शुरू
अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर के प्रथम तल पर रामदरबार समेत परिसर में 18 मंदिरों के मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठित जून माह में प्रस्तावित है। रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के बाद द्वितीय आयोजन में भी रामभक्तों की अधिक संख्या होने का अनुमान है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट द्वारा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 22 जनवरी 2024 को किया गया था। जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामनगरी पहुंचे थे। एक वर्ष बाद एक बार फिर श्री राम जन्मभूमि परिसर में द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन होना है। तीन दिवसीय अनुष्ठान में तीर्थ क्षेत्र के सभी ट्रस्टीज सहित देश के प्रमुख संतों महंतों के साथ प्रमुख लोगों की मौजूदगी होने की सूचना है। इस दौरान रामभक्तों की अधिक संख्या के भी पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
84 कोस परिक्रमा और उसका महत्त्व
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा, भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या से शुरू होकर की जाने वाली एक यात्रा है। मान्यता है कि इस परिक्रमा से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं। इस परिक्रमा को आध्यात्मिक साधना माना जाता है।
इस परिक्रमा की खास बातें-
-यह परिक्रमा 21 दिनों तक चलती है।
-यह परिक्रमा पांच ज़िलों से होकर गुज़रती है। ये ज़िले हैं – बस्ती, गोंडा, अयोध्या, बाराबंकी, और अंबेडकरनगर।
-इस परिक्रमा में कई जगहों पर रात्रि विश्राम के लिए पड़ाव होते हैं।
– इन पड़ावों पर कीर्तन, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ और संतों के प्रवचन होते हैं।
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