प्रधानमंत्री ने कहा- जिन्हें यह संदेश पहुंचाना था वहां तक पहुँच गया
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-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल दौरे पर मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के साथ मंच साझा किया। उन्होंने विझिनजाम बंदरगाह के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘मैं सीएम को बताना चाहता हूं कि आप INDI गठबंधन के मजबूत स्तंभ हैं। शशि थरूर भी यहां बैठे हैं।

आज का कार्यक्रम कई लोगों की नींद में खलल डालने वाला है। हालांकि, उनके भाषण को स्थानीय भाषा में अनुवाद कर बताने वाले व्यक्ति ने इसका ठीक से अनुवाद नहीं किया। इससे प्रधानमंत्री को यह कहना पड़ा कि संदेश उन तक पहुंच गया है, जिन्हें यह संदेश पहुंचाना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में विझिनजम अंतरराष्ट्रीय गहरे पानी के बहुउद्देशीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री के साथ केरल के सीएम और शशि थरूर ने किया मंच साझा, पीएम बोले कई लोगों की नींद उड़ा देगा यह कार्यक्रम
Pm मोदी ने कहा कि यहां दुनिया के बड़े मालवाहक जहाज आसानी से आ सकेंगे। अभी तक भारत का 75% ट्रांसशिपमेंट देश के बाहर के पोर्ट्स पर होता था, इससे बहुत बड़ा नुकसान होता आया है। ये परिस्थिति अब बदलने जा रही है। अब देश का पैसा देश के काम आएगा। जो पैसा बाहर जाता था, अब वो केरल और विझिनजम के लोगों के लिए नए अवसर लेकर आएगा।
‘ट्रांसशिपमेंट हब क्षमता तीन गुनी हो जाएगी’
देश में विकास का ब्यौरा देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नाविकों की संख्या के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है। पिछले 10 वर्षों में हमारे बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है। उनकी दक्षता में सुधार हुआ है। वहां टर्नअराउंड समय में 30 प्रतिशत की कमी आई है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि बंदरगाह का निर्माण 8,800 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। निकट भविष्य में इसकी ट्रांसशिपमेंट हब क्षमता तीन गुनी हो जाएगी।
क्या होता है ट्रांसशिपमेंट
जब कोई बड़ा जहाज एक देश के बंदरगाह (पोर्ट) पर माल लेकर आता है, लेकिन वो माल किसी और देश या शहर तक पहुंचाना होता है, तो उस माल को वहां से छोटे जहाजों या दूसरे साधनों में लादकर आगे भेजा जाता है। इस प्रक्रिया को ही ट्रांसशिपमेंट कहा जाता है।
PM के संबोधन में ये भी रहा खास –
1. भारत में निवेश बढ़ा- भारत सरकार ने सागरमाला और गति शक्ति योजनाओं के तहत बंदरगाहों को आधुनिक बनाया है। अब सड़क, रेल, जल और हवाई रास्तों को जोड़ा जा रहा है। इससे व्यापार आसान हुआ है और निवेश भी बढ़ा है।
2. केरल शांति की भूमि- केरल हमेशा से ही शांति और धर्म सहिष्णुता की धरती रहा है। यहां हजारों साल पहले सेंट थॉमस चर्च बना था। हाल ही में पोप फ्रांसिस का निधन हुआ, जिनके अंतिम संस्कार में भारत के राष्ट्रपति भी शामिल हुए।
3. भारत में शीपोर्ट की क्षमता दोगुनी हुई- पिछले 10 सालों में भारत ने कड़ी मेहनत से बड़ी तरक्की की है। बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हुई, जलमार्ग आठ गुना बढ़े। दो बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 30 में हैं और भारत जहाज निर्माण में भी आगे है।
4. देश में नाविकों की संख्या बढ़ी- भारत सरकार ने नाविकों के हित में कई बड़े सुधार किए हैं। 2014 में देश में करीब 1.25 लाख नाविक थे, जो अब बढ़कर 3.25 लाख हो गए हैं। अब भारत दुनिया में सबसे ज्यादा नाविक देने वाले तीन देशों में है।
5. भारत हजारों सालों तक समृद्ध था - अंग्रेजों की गुलामी से पहले भारत हजारों सालों तक समृद्ध था और दुनिया की अर्थव्यवस्था में बड़ी हिस्सेदारी रखता था। उस समय भारत की समुद्री ताकत और बंदरगाहों से होने वाला व्यापार ही हमें खास बनाता था। इसमें केरल की बड़ी भूमिका थी।
भारत की भूमिका बदलने की उम्मीद
तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित बंदरगाह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और शिपिंग में भारत की भूमिका बदलने की उम्मीद है। गहरे पानी के बंदरगाह को भारत के सबसे बड़े बंदरगाह डेवलपर और अदाणी समूह के अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) की ओर से सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत विकसित किया गया है। सफल परीक्षण के बाद बंदरगाह को पिछले साल 4 दिसंबर को अपना वाणिज्यिक कमीशनिंग प्रमाणपत्र मिला था।
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