प्रधानमंत्री जी एक से ज्यादा आंदोलन में शामिल होना गुनाह तो नहीं !
जमीनी तौर पर आंदोलन का समर्थन करने के पीछे अपनी बात रखना होता है,
जमीनी तौर पर आंदोलन का समर्थन करने के पीछे अपनी बात रखना होता है,
परिवारवाद’ के बावजूद कांग्रेस में इतना आंतरिक प्रजातंत्र तो है कि कोई इस तरह
अरुण दीक्षित (वरिष्ठ पत्रकार ) दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर