रायपुर। भाजपा के विधानसभा प्रत्याशियों की पहली सूची में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुकाबले भाजपा ने उनके भतीजे विजय बघेल को चुनाव मैदान में उतारा है। विजय बघेल रिश्ते में भूपेश बघेल के भतीजे हैं। विधानसभा चुनावों में चाचा और भतीजे के बीच तीन बार पाटन सीट पर मुकाबला हो चुका है। इसमें दो बार वर्ष 2003 और 2013 में भूपेश बघेल जीतने में सफल रहे, जबकि एक बार वर्ष 2008 में विजय बघेल ने जीत दर्ज की थी।
भूपेश बघेल के मुकाबले साहू को उम्मीदवार बनाया गया था
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भूपेश बघेल के मुकाबले मोतीलाल साहू को अपना प्रत्याशी बनाया था। भूपेश बघेल ने मोतीलाल साहू को 27,477 मतों से पराजित किया था। 21 प्रत्याशियों की पहली सूची में बस्तर से लेकर सरगुजा तक की उन सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं, जहां पिछले चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा की पहली सूची में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ उनकी सरकार के तीन मंत्री और एक पूर्व मंत्री की सीट पर भी प्रत्याशी घोषित किए गए हैं।
मंत्री उमेश पटेल की खरसिया सीट से महेश साहू, मंत्री अनिला भेड़िया की डौंडीलोहारा सीट से देवलाल ठाकुर, मंत्री जयसिंह अग्रवाल की कोरबा सीट से लखनलाल देवांगन और हाल ही में भूपेश मंत्रिमंडल से बाहर हुए प्रेमसाय सिंह टेकाम की प्रतापपुर सीट से शकुंतला सिंह पोर्थे को उम्मीदवार बनाया गया है।
पहली सूची में तीन पूर्व विधायकों को दिया गया टिकट
पहली सूची में एक सांसद विजय बघेल, एक पूर्व राज्यसभा सदस्य (रामविचार नेताम), तीन पूर्व विधायक (लखन देवांगन, संजीव शाह और श्रवण मरकाम) और पिछले चुनाव में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले दो नेताओं देवलाल ठाकुर, रोहित साहू को प्रत्याशी बनाया गया है।
इसके साथ ही 14 प्रत्याशी पहली बार विधानसभा चुनाव मैदान में ताल ठोकेंगे। पहली सूची में ओबीसी वर्ग से आठ प्रत्याशी बनाए गए हैं, जिसमें चार साहू समाज से हैं।
एसटी वर्ग की 29 सीटों में 10 पर प्रत्याशी घोषित
प्रदेश में एसटी वर्ग के लिए आरक्षित 29 सीट में से 10 और एससी वर्ग के लिए आरक्षित 10 में से एक सीट पर उम्मीदवार घोषित किया गया है। आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर मुखर रहे रामविचार नेताम को एक बार फिर उनकी परंपरागत सीट रामानुजगंज से उम्मीदवार बनाया गया है। नेताम पांच बार विधायक रहे हैं।
पहली सूची में कुछ खास नहींः बघेल
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव की घोषणा से पहले प्रत्याशी घोषित करने तय किया, ताकि प्रत्याशियों को अधिक समय मिल सके। सीएम बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इसमें कुछ खास नहीं है। 21 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। भाजपा ने इतनी जल्दी क्यों सूची जारी है, उसे सब जानते हैं। भाजपा प्रत्याशियों के जीत के दावे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले अपनी स्थिति का आकलन करें। भाजपा भय दिखाकर और लालच देकर लोगों को तोड़ना चाहती है।
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