मौजूदा तिमाही में भी छह प्रतिशत से अधिक रह सकती है खुदरा महंगाई दर, रिजर्व बैंक ने अपने बुलेटिन में लगाया अनुमान

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नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुलेटिन में प्रकाशित एक आलेख में अनुमान लगाया गया है कि खुदरा महंगाई दर मौजूदा तिमाही में भी औसतन छह प्रतिशत से अधिक रह सकती है। इस आलेख में अनुमान व्यक्त किया गया है कि सप्लाई के मोर्च पर उतार-चढ़ाव का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है।  सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी अगस्त की पहली पखवाड़े तक बढ़ गई है। इसके चलते महंगाई औसतन 6 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद है।
भारतीय रिजर्व बैंक के मासिक बुलेटिन में प्रकाशित एक आलेख में अनुमान लगाया गया है कि खुदरा महंगाई दर मौजूदा तिमाही में भी औसतन छह प्रतिशत से अधिक रह सकती है। 17 अगस्त को प्रकाशित इस लेख को लिखने वालों में भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा भी शामिल हैं। आरबीआई के मासिक बुलेटिन में प्रकाशित आलेख में कहा गया है कि सप्लाई के मोर्च पर उतार-चढ़ाव का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है।  
सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी अगस्त की पहली पखवाड़े तक बढ़ गई है। इसके चलते महंगाई औसतन 6 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद है। यह लेख ऐसे समय में आया है, जब 14 अगस्त को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई माह में खुदरा महंगाई दर 15 महीनों के उच्चतम स्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई है। यह अर्थशास्त्रियों की ओर से जारी 6.6 फीसदी के अनुमान से भी काफी अधिक है।
इस बीच, भारतीय रिजर्व बने 10 अगस्त को खुद वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने महंगाई अनुमान को 0.30 फीसदी बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया था। वहीं सितंबर तिमाही में उसने महंगाई दर के अनुमान को 1 फीसदी बढ़ाकर 6.2 फीसदी कर दिया था।
आलेख में प्रकट किए गए निष्कर्षों से ऐसा लगता है कि महंगाई जुलाई-सितंबर में औसतन 6.2 प्रतिशत से भी अधिक हो सकती है, जैसा कि कई अर्थशास्त्रियों का मानना है। इससे पहले मई में खुदरा महंगाई दर 4.31 फीसदी थी, जो जून में बढ़कर 4.87 फीसदी हो गई थी। आरबीआई के आलेख के मुताबिक, जुलाई में टमाटर की कीमतों में उछाल से बाकी सब्जियों के दाम भी बढ़ गए, जिससे महंगाई दर और बढ़ गई। आरबीआई के बुलेटिन ने यह भी चेतावनी दी गई है कि अल नीनो इफेक्ट साल की दूसरी छमाही और रबी सीजन में फूड इंफ्लेशन के नतीजे पर अपना असर दिखता रहेगा। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने पिछले सप्ताह अपनी बैठक में लगातार तीसरी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था, लेकिन महंगाई के अनुमान को 5.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया था। एमपीसी ने 2024 की दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत महंगाई का अनुमान लगाया था।