नई दिल्ली। लोकसभा में सरकार ने आज चुनाव सुधार बिल पेश किया। इसके बाद विपक्ष ने खूब हंगामा किया। सदस्यों के शोर शराबे के बीच ये बिल लोकसभा में पास कर दिया गया।
इसके बाद लोकसभा को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा को इससे पहले ही स्थगित कर दिया गया था।
इस बिल के तहत आधार और वोटर कोर्ड को जोड़ने का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बिल पास होने के बाद कहा कि आधार कार्ड को वोटर लिस्ट के साथ जोड़ना अनिवार्य नहीं है।
ये स्वैच्छिक है। ये वैकल्पिक है। इससे एड्रेस पता करने में मदद होगी, फर्ज़ी वोटिंग को रोकने में मदद होगी।
सरकार ने संसद में पेश किया बिल : सरकार ने लोकसभा में जैसे ही इस बिल को पेश किया वैसे ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी दलों ने इसका जमकर विरोध किया और इसे निजता के हनन से जोड़ा।
इस विरोध और शोर-शराबे के बीच लखीमपुर कांड पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग भी विपक्षी सांसद उठाते नजर आए। सदन में पीएम मोदी के बयान की मांग कर रहे कुछ विपक्षी सांसद बकायदा पीएम का अटेंडेंस कार्ड लेकर सदन में पहुंचे हुए थे।
विपक्ष ने किया जोरदार विरोध : ओवैसी ने केएस पुट्टुस्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए इस बिल को निजता के मूल अधिकार का उल्लंघन करने वाला बताया।
उन्होंने कहा कि पुट्टुस्वामी मामले में निजता की जो परिभाषा दी गई है, ये बिल उसका उल्लंघन करता है। ओवैसी ने आशंका जताई कि वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने से सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी ‘गुप्त मतदान’ की प्रक्रिया में छेड़छाड़ कर सकेगी। उन्होंने बिल पर मतविभाजन की मांग की।
टीएमसी ने किया विरोध : तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी जैसे ही बोलने के खड़े हुए, सत्ता पक्ष के सांसदों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया। बनर्जी ने कहा कि यह ऐसा बिल है जिससे पूरा लोकतंत्र खत्म हो गया है।
इस बिल पर चर्चा की जरूरत है। इस बीच में सत्ता पक्ष के एक सांसद ने सीट से खड़े होकर यह सपोर्टर है बांग्लादेशी… कहकर शोर-शराब शुरू कर दिया।
संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा : चुनाव सुधार बिल पर आज लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने इसकी जरूरत पर सवाल उठाए।
दरअसल, इस बिल के तहत आधार को वोटर आईडी से जोड़ने की बात कही गई है। सरकार का कहना है कि इस सुधार बिल से फर्जी वोटिंग पर रोक लगाई जा सकेगी।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जरूरत और उपयोगिता समझाई लेकिन विपक्षी सांसद नहीं माने। AIMIM चीफ ओवैसी ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि सरकार इस बिल का अपने हितों के लिए इस्तेमाल कर सकती है इसलिए मैं चाहता हूं इस बिल को संसद में रखने जाने को लेकर डिविजन हो।
उन्होंने बार-बार डिविजन की बात दोहराई और हंगामा जारी रहा। कांग्रेस के मनीष तिवारी भी इसका विरोध किया।
You may also like
-
प्रयागराज हिंसा: भीम आर्मी समर्थकों पर कड़ा एक्शन, 50 से ज्यादा गिरफ्तार, NSA में कार्रवाई की तैयारी
-
राजा रघुवंशी मर्डर केस- शिलोम के घर से सोनम का लैपटॉप और गहने बरामद
-
हैदराबाद ब्लास्ट: तेलंगाना की केमिकल फैक्ट्री में भीषण धमाका, हादसे में 10 मजदूरों की मौत, 20 से ज्यादा घायल
-
थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी पर सियासत: जानें तमिलनाडु के बाद महाराष्ट्र में राजनीति का शिकार क्यों हो गई यह पॉलिसी?
-
शिक्षक को आतंकवादी बताने वाले जी न्यूज़, न्यूज़18 और रिपब्लिक पर एफआईआर