Zelensky Modi Phone Call

Zelensky Modi Phone Call

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से की फोन पर बात, रूस से तेल खरीद कम करने की अपील

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Zelensky Modi Phone Call: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर लंबी बातचीत की।

इस बातचीत में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक कूटनीति और यूक्रेन युद्ध की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की।

जेलेंस्की ने मोदी को यूक्रेन पर हो रहे रूसी हमलों की ताज़ा जानकारी दी और विशेष रूप से जापोरिझिया में हुए हालिया बम हमले का जिक्र किया, जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए थे।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बातचीत बेहद महत्वपूर्ण रही।

उन्होंने लिखा, मैंने पीएम मोदी को रूसी हमलों के बारे में विस्तार से बताया, खासकर जापोरिझिया शहर में बस स्टेशन पर हुए हमले के बारे में, जहां रूस ने जानबूझकर बमबारी की।

भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और सहमत है कि यूक्रेन से जुड़ा हर फैसला यूक्रेन की भागीदारी के साथ होना चाहिए।

रूस से तेल खरीद कम करने की अपील

वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को हुई इस बातचीत के दौरान भारत से रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की अपील भी की।

उन्होंने कहा कि रूस की युद्ध क्षमता कम करने के लिए उसके तेल निर्यात को सीमित करना जरूरी है।

जेलेंस्की ने भारत से रूसी तेल की खरीद घटाने की सलाह दी और इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का पालन करने को कहा।

साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान व्यक्तिगत मुलाकात का निमंत्रण दिया।

दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के देशों की यात्राओं पर भी विचार करने का फैसला किया।

यह संकेत है कि आने वाले महीनों में भारत-यूक्रेन के बीच उच्चस्तरीय वार्ताएं और तेज हो सकती हैं।

भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार

बता दें भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।

यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% यानी करीब 68,000 बैरल प्रतिदिन तेल आयात करता था।

मई 2023 तक यह हिस्सा बढ़कर 45% यानी 20 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया।

वर्ष 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत ने औसतन 17.8 लाख बैरल प्रतिदिन तेल रूस से खरीदा।

पिछले दो सालों से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (करीब 11.33 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का रूसी तेल आयात कर रहा है।

पश्चिमी देशों का मानना है कि रूस को ऊर्जा निर्यात से होने वाली आमदनी उसके सैन्य अभियान को जारी रखने में मदद करती है>

जबकि भारत का तर्क है कि वह अपने ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए ये खरीद करता है।

अगर दूसरा बंटवारा हुआ, तो तीसरा भी होगा

फोन कॉल से पहले, जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि रूस को किसी भी हालत में यूक्रेन का “दूसरा बंटवारा” नहीं करने दिया जाएगा।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दूसरा बंटवारा हुआ, तो तीसरा भी होगा। उनका कहना था कि युद्ध का अंत केवल न्यायपूर्ण तरीके से और मजबूत सुरक्षा ढांचे के साथ होना चाहिए, न कि जमीन देकर।

यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलने वाले हैं। उम्मीद है कि इस बैठक में यूक्रेन युद्ध को खत्म करने पर चर्चा होगी।

हालांकि, ट्रंप पहले कह चुके हैं कि युद्ध समाप्त करने के लिए कुछ इलाकों की अदला-बदली करनी पड़ सकती है, जिससे यूक्रेन असहज है।

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त 2024 को जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा किया था।

1992 में भारत और यूक्रेन के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी।

इस दौरे में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई थी।

मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी बात की

जेलेंस्की के फोन कॉल से तीन दिन पहले ही पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात की थी।

ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच हुई इस बातचीत में मोदी और पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

पीएम मोदी ने X पर लिखा, मेरी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई।

मैंने यूक्रेन की स्थिति पर जानकारी साझा करने के लिए उनका धन्यवाद किया।

हमने अपने आपसी सहयोग को बढ़ाने और रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

रूसी न्यूज एजेंसी तास के अनुसार, पुतिन इस साल के आखिरी सप्ताह में भारत की यात्रा पर आएंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हाल ही में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात के दौरान कहा था कि भारत और रूस के रिश्ते अब बहुत खास बन गए हैं और हम उच्च स्तर पर नियमित बातचीत करते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर की गई आलोचना और इसी कारण लगाए गए 25% और फिर 50% टैरिफ के बाद पुतिन की यह यात्रा और भी अहम मानी जा रही है।

बता दें पीएम मोदी ने 2024 में दो बार रूस का दौरा किया था। जुलाई में दो दिन की यात्रा के बाद उन्होंने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था और अक्टूबर में वे BRICS शिखर सम्मेलन में शामिल होने रूस गए थे।

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फरवरी 2022 में पुतिन ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया और रूसी टैंक सीमा पार कर यूक्रेन में दाखिल हो गए।

तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी कि रूस को इस कदम की गंभीर कीमत चुकानी पड़ेगी।

फरवरी 2025 में अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन से 90 मिनट लंबी फोन बातचीत की।

सऊदी अरब में दोनों देशों के बीच यूक्रेन युद्ध पर हाई-लेवल बैठक हुई, जिसमें यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया।

इसके बाद से युद्ध समाप्ति की चर्चाएं तेज हुईं, लेकिन क्षेत्रीय नियंत्रण और सुरक्षा गारंटी पर मतभेद अब भी बरकरार हैं।

हाल के महीनों में कैदियों की अदला-बदली जैसे कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, लेकिन व्यापक शांति समझौते पर अभी सहमति नहीं बनी है।

ऐसे में मोदी-जेलेंस्की की यह बातचीत आने वाले समय में भारत की कूटनीतिक भूमिका को और महत्वपूर्ण बना सकती है।

 

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