-कहा-चुनावी इस्तेमाल न करें दल
लखनऊ। यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र हर राजनीतिक दल अपने-अपने हथकंडे आजमा रहा है। इस बीच किसान आंदोलन से जुड़े संगठनों और नेताओं को भी इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं उनका कोई राजनीतिक इस्तेमाल न हो जाए।
इस मामले में किसान नेता सतर्क भी दिख रहे हैं। लिहाजा, मेरठ में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के साथ राकेश टिकैत की फोटो वाले पोस्टर दिखते ही भाकियू ने सख्त एतराज जताया है।
भाकियू ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए हम अपने नेता के चेहरे का इस्तेमाल नहीं होने देंगे। ऐसे पोस्टरों से भारतीय किसान यूनियन का कोई लेना-देना नहीं है।
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले लंबे आंदोलन में भाकियू राकेश टिकैत सबसे बड़े नेता बनकर उभरे। इस आंदोलन के चलते सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजबूर हुई तो टिकैत की लोकप्रियता और बढ़ गई।
ऐसे में जब यूपी चुनाव नजदीक हैं तो सियासी दल इस लोकप्रियता को अपने फायदे के लिए भुनाने की कोशिश कर सकते हैं ऐसी आशंका जताई जा रही है।
इस बीच मेरठ में अखिलेश-जयंत के साथ तिरंगा लहराते राकेश टिकैत की फोटो पोस्टर पर दिखी तो भाकियू ने विरोध जताने में देर नहीं लगाई। राजनीतिक हलकों में इस पोस्टर की काफी चर्चा हो रही है। मेरठ में ये पोस्टर एनएच-58 पर लगे दिखाई दिए थे।
पास्टर पर ये लिख है : राकेश टिकैत की तिरंगा लहराने वाले फोटो के साथ इस पोस्टर पर लिखा है-हार गया अभिमान, जीत गया किसान। पोस्टर पर एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ रालोद नेता जयंत चौधरी दिख रहे हैं तो बीच में तिरंगा लिए राकेश टिकैत दिखाई दे रहे हैं।
भाकियू ने इसे राजनीतिक स्टंट करा दिया है। नेताओं ने कहा कि इस पोस्टर से उनके संगठन का कुछ भी लेना-देना नहीं है। उनका संगठन पूरी तरह से अराजनीतिक है।
You may also like
-
विवाद के बाद ‘प्रादा’ बेचेगा ‘मेड इन इंडिया’ कोल्हापुरी , कीमत होगी करीब 84,000 रु.
-
2025 की चर्चा .. सोशल मीडिया ने लोकतंत्र खत्म किया तानाशाही जोड़ी
-
वीर सावरकर अवॉर्ड’ की घोषणा और कांग्रेस के बागी सांसद शशि थरूर का बिदकना ।
-
मध्यप्रदेश … दलित के घर भोजन करने पर ‘बहिष्कार’ का फरमान, गंगा में स्नान कर करना पड़ा ‘पाप’ का प्रायश्चित
-
ओ तेरी… भाजपा ने स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओं में भी उगा लिया चंदा !
