मुख्यमंत्री ने श्री महाकाल और शिवराज ने पूजे बड़ वाले महादेव

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शिव के भक्त महाशिवरात्रि का पर्व पूरे धूम धाम से मना रहे हैं। उज्जैन का माहौल तो निराला है ही राजधानी भोपाल में भी रौनक उसी तरह बनी हुए है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी महाकाल के पूजन अर्चन के लिए उज्जैन पहुंचे और अपनी पत्नी के साथ बाबा महाकाल की पूजा विधि विधान से की।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गर्भगृह में जाकर धर्मपत्नी सीमा यादव के साथ बाबा महाकाल के दर्शन किए। इसके बाद सीएम ने महाकाल का जलाभिषेक किया और आरती उतारी। विधि-विधान से पूजन करने के बाद मोहन यादव ने नंदी हाल में बैठकर ध्यान लगाया। इस दौरान वह बाबा की भक्ति में लीन नजर आए। उन्होंने प्रदेश समेत देख की सुख-समृद्धि की बाबा महाकाल से कामना की। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार रात एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने उज्जैन पहुंच गए थे। सुबह पूजा अर्चना के बाद उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामनायें दीं।

उन्होंने कहा कि “आज महाशिवरात्रि पर्व के साथ ही विक्रम उत्सव का भी शुभारंभ हो रहा है। आने वाले समय में गुड़ी पड़वा पर्व भी मनाया जाएगा। खूब आनंद की वर्षा हो रही है। बाबा महाकाल के आशीर्वाद से मध्य प्रदेश नई प्रगति के मार्ग पर चल रहा है। मेरी ओर से सभी को महाशिवरात्री पर्व की शुभकामनाएं बधाई।

महाशिवरात्रि पर भगवन महाकाल 24 घंटे भक्तों को दर्शन देंगे। महाकाल के पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि भगवान महाकाल को सप्तधान्य- चावल, मूंग खड़ा, तिल, मसूर खड़ा, गेहूं, जौ, साल का मुखौटा धारण कराया जाएगा। सवा मन फूलों का मुकुट बांधकर सोने के कुंडल, छत्र और मोरपंख, सोने के त्रिपुंड से सजाया जाएगा। चांदी के बिल्वपत्र और सिक्के न्यौछावर किए जाएंगे।

राजधानी भोपाल में भो शहर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। जगह-जगह भोलेनाथ की सवारी की तयारी हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भोपाल स्थित बड़वाले महादेव मंदिर में पत्नी के साथ पूजा अर्चना की । पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की और बड़वाले महादेव मंदिर में शिव रथ भी खींचा। भगवान भोलेनाथ से उन्होंने प्रदेश में सुख समृद्धि के लिए कामना की।

पूरे प्रदेश में मंदिरों की विशेष सज सज्जा की गयी है और दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। खंडवा के ओंकारेश्वर को फूलों से सजाया गया है। दक्षिण का कैलाश कहे जाने वाले पचमढ़ी के चौरागढ़ में करीब एक लाख श्रद्धालु चौड़ेश्वर महादेव के दर्शन कर चुके हैं। सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में भी अब तक एक लाख लोग पहुंच चुके हैं। वहीं, भोजपुर में यह आंकड़ा दो लाख तक पहुंच गया है।

भोपाल के गुफा मंदिर, बड़वाले महादेव, भोजपुर में भी श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। जबलपुर के गुप्तेश्वर मंदिर में भी भक्त लगातार अभिषेक के लिए आ रहे हैं। मान्यता के मुताबिक, वनवास के दौरान भगवान राम जाबाली ऋषि से मिलने जबलपुर आए थे। उन्होंने यहां करीब एक महीना बिताया और उसी दौरान इस शिवलिंग की स्थापना की थी।

 

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