शौर्य चक्र विजेता मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी मिली थीं।

शौर्य चक्र विजेता मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी मिली थीं।

भारत में ही रहेंगी शौर्य चक्र से सम्मानित मुदस्सिर की मां, पुलिस ने दी सफाई

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भारत से पाकिस्तान भेजे जाने वाले पाकिस्तान के नागरिकों में अब शौर्य चक्र से सम्मानित मुदस्सिर की मां शमीमा अख्तर शामिल नहीं हैं। उन्हें पाकिस्तान नहीं भेजा जा रहा है।

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Pahalgam Terror attack-पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को उनके मूल देश वापस भेजने के लिए भारत सरकार के फैसले पर कार्रवाई तेज है। इसी सिलसिले में कल खबर थी कि शौर्य चक्र से सम्मानित मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर शेख को भी पाकिस्तान भेजा जायेगा। लेकिन अब पुलिस की सफाये और घर वालों के बयां से ये साफ हो गया है कि देश के लिए जान देने वाले शहीद की मां को पूरे सम्मान के साथ भारत में ही रहने दिया जायेगा। भारत में ही रहेंगी शौर्य चक्र से सम्मानित मुदस्सिर की मां, पुलिस ने दी सफाई

पहलगाम हमले के कुछ दिनों बाद, भारत ने देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने 59 पाकिस्तानी नागरिकों को उनके मूल देश वापस भेजने के लिए पंजाब पहुंचाया है। इसी प्रक्रिया के तहत खबर आयी थी कि मरणोपरांत शौर्य चक्र विजेता शहीद पुलिस जवान मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर को पाकिस्तान डिपोर्ट किया जा रहा है। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि शमीमा अख्तर भारत में ही रहेंगी।

हालांकि, जम्मू-कश्मीर में रह रहे 59 अन्य पाकिस्तानी नागरिकों को वाघा बॉर्डर के रास्ते उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इनमें से कई पूर्व आतंकवादियों की पत्नियां और बच्चे शामिल हैं, जो 2010 की पुनर्वास नीति के तहत भारत लौटे थे।

अधिकारियों के अनुसार, दशकों से घाटी में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को विभिन्न जिलों से इकट्ठा किया गया और बसों में पंजाब ले जाया गया, जहां उन्हें सीमा पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। इनमें शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद कांस्टेबल मुदस्सिर अहमद शेख की मां भी पहले शामिल थीं। मई 2022 में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए कांस्टेबलन मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर निर्वासित लोगों में से एक थीं। हालांकि, बाद में उन्हें यहीं रहने की अनुमति दे दी गई।

PoK की रहने वाली हैं शमीमा के देवर मोहम्मद यूनुस ने स्पष्टीकरण में कहा कि शहीद मुदस्सिर की मां घर लौट आई हैं और उन्हें निर्वासन के लिए नहीं ले जाया गया। यूनुस ने कहा, “हम भारत सरकार के आभारी हैं।” इससे पहले, मुदस्सिर के चाचा ने संवाददाताओं से कहा था कि उनकी भाभी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की हैं, इसलिए उन्हें निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी भाभी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से हैं, जो हमारा क्षेत्र है। केवल पाकिस्तानियों को ही निर्वासित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि मुदस्सिर की मृत्यु के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परिवार से मुलाकात की थी और उपराज्यपाल भी दो बार परिवार से मिलने आए थे।

यूनुस ने कहा, ‘‘मेरी भाभी जब यहां आई थीं, तब उनकी उम्र 20 साल थी और वह 45 साल से यहां रह रही हैं। (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी और अमित शाह से मेरी अपील है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।’’ शमीमा ने 1990 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के फैलने से पहले सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद मकसूद से विवाह किया था। पुलिसकर्मी की याद में बारामूला शहर के मुख्य चौक का नाम शहीद मुदस्सिर चौक रखा गया है।

मुदस्सिर को मिला शांति काल का बड़ा सम्मान

मुदस्सिर के प्रशस्ति पत्र के अनुसार, अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने वाली एक बड़ी आतंकवादी साजिश को विफल करने में उनकी भूमिका के लिए उन्हें शांति काल का तीसरे सबसे बड़े सम्मान से 2022 में मरणोपरांत सम्मानित किया गया। 25 मई 2022 को एक वाहन में सवार भारी हथियारों से लैस तीन विदेशी आतंकवादियों की गतिविधि के बारे में विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी, जिनका इरादा अमरनाथ यात्रा पर हमला करने का था। इस सूचना के जवाब में, उत्तरी कश्मीर के बारामूला में सुरक्षा बलों द्वारा तेजी से एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया।

गंभीर रूप से घायल हो गए थे मुदस्सिर

भारत के वीर सपूत मुदस्सिर अहमद शेख अभियान टीम के अनुभवी और सतर्क सदस्य कांस्टेबल मुदस्सिर अहमद शेख ने संदिग्ध वाहन को पहचानने में तत्परता दिखाई और उसे चुनौती दी। आसन्न खतरे को भांपते हुए आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की। शेख ने अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए, वाहन पर हमला करके निर्णायक कार्रवाई की। बहादुरी का परिचय देते हुए उन्होंने एक आतंकवादी को गाड़ी से बाहर खींच लिया। इसके बाद शेष आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके कारण शेख गंभीर रूप से घायल हो गए।

बहुत ज्यादा खून बहने और असहनीय दर्द से जूझने के बावजूद शेख़ ने हिम्मत नहीं हारी और पकड़े गए आतंकवादी से हाथापाई जारी रखी। आखिरकार उन्होंने उसे मार गिराया। हालांकि, घायल शेख ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। शमीमा ने अपने पति के साथ मई 2023 में दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह पुरस्कार लिया।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जारी किया बयान 

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 29 अप्रैल को बारामूला पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा, “कुछ मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि शौर्य चक्र विजेता मुदासिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर को पाकिस्तान डिपोर्ट किया जा रहा है। हम स्पष्ट करते हैं कि यह खबर पूरी तरह से झूठी और निराधार है।” पुलिस ने इस मामले में लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।

यूँ बदले बयान

यहां बता दें कि शमीमा अख्तर समेत गुलाम जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से आए लोगों को इकट्ठा कर लिया गया था। इसके बाद मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद यूनुस ने आपत्ति जताते हुए था कि कि शौर्य चक्र विजेता की मां को भी पाकिस्तान भेजने की तैयारी है और पुलिस उसे अपने साथ ले गई है। हालांकि देर शाम वह बयान से पलट गए और कहा कि शमीमा अख्तर को डिपोर्ट नहीं किया जा रहा है। हम इसके लिए गृह मंत्रालय के आभार हैं। वहीं, पुलिस ने शमीमा को पाकिस्तान भेजे जाने की बात को अफवाह बताया है

मुदस्सिर के परिवार ने कहा

शमीमा के देवर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि शहीद मुदस्सिर की मां घर लौट आई हैं और उन्हें निर्वासन के लिए नहीं ले जाया गया। यूनुस ने कहा कि हम भारत सरकार के आभारी हैं। इससे पहले मुदस्सिर के चाचा ने संवाददाताओं से कहा था कि उनकी भाभी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की हैं, इसलिए उन्हें निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मेरी भाभी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से हैं, जो हमारा क्षेत्र है। केवल पाकिस्तानियों को ही निर्वासित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुदस्सिर की मृत्यु के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परिवार से मुलाकात की थी और उपराज्यपाल भी दो बार परिवार से मिलने आए थे।

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