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Raja Raghuvanshi Murder Case-राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में सोनम ने राज कुशवाहा और अन्य के साथ मिलकर साजिश की। हत्या के बाद वह इंदौर में छिपी रही। इस केस में अब राजा के भाई ने नार्को टेस्ट की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
Narco Test in Raja Raghuvanshi Murder Case: राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और तीन अन्य आरोपियों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। हत्या के बाद सोनम ने बुर्का पहनकर इंदौर में 14 दिन तक छिपकर रही। इस मामले में राजा के भाई ने सोनम और राज के नार्को टेस्ट की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके। पता चला है कि बुरका पहनकर भागने के पीछे भी एक सजिश ही थी। Raja Raghuvanshi Murder Case- राजा के भाई ने की नार्को टेस्ट की मांग, सोनम उगलेगी सारे राज़
क्या होता है नार्को टेस्ट?
नार्को टेस्ट एक तरह की जांच है, जिसका उद्देश्य अपराधियों से सच्चाई उगलवाना होता है।
इसमें आरोपी को एक खास दवा दी जाती है, जिससे वह सच बोलने की स्थिति में आता है।
हालांकि, ये टेस्ट अदालत में साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य नहीं होता, लेकिन जांच एजेंसियां इसे संदिग्धों से अहम जानकारी प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल करती हैं।
नार्को टेस्ट की प्रक्रिया क्या है?
-नार्को टेस्ट के लिए सबसे पहले एक विशेष टीम का गठन किया जाता है। जिसमें एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, मनोचिकित्सक, फोरेंसिक मनोवैज्ञानिकऑडियो/वीडियोग्राफर, सहायक नर्सिंग स्टाफ शामिल होते हैं। टीम कैसे करती है जांच स्टेप बाई स्टेप जानते हैं।
-टेस्ट से पहले व्यक्ति का शारीरिक परीक्षण किया जाता है, जिसमें लंग्स और हार्ट टेस्ट शामिल होते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह टेस्ट के लिए शारीरिक रूप से सक्षम है।
व्यक्ति को सोडियम पेंटोथल का इंजेक्शन दिया जाता है, जिससे वह हिप्नोटिक स्थिति में पहुंचता है। इस स्थिति में व्यक्ति सच बोलने में सक्षम होता है, क्योंकि उसकी सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है।
-टेस्ट के दौरान, विशेषज्ञ टीम व्यक्ति से अपराध से संबंधित सवाल पूछती है। व्यक्ति की प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड किया जाता है और उसका विश्लेषण किया जाता है।
-स्टेटमेंट के दौरान व्यक्ति की शारीरिक स्थिति की निरंतर निगरानी की जाती है, ताकि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या से बचा जा सके।
-राजा रघुवंशी की हत्या एक जटिल और रहस्यमय मामला बन चुका है। पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनसे ये मामला और भी पेचीदा हो गया है। हाल ही में इस मामले में खुलासा हुआ कि राजा रघुवंशी की हत्या के बाद सोनम भागकर इंदौर आई थी। इंदौर में वो एक किराए के फ्लैट में रह रही थी।
बुरका पहनकर भागने के पीछे भी है “राज”
राजा की हत्या के बाद सोनम इंदौर वापस लौट आई थी और इस फ्लैट में रहने लगी थी। फ्लैट का किराया 16 हजार रुपये था। वहीं इस मामले में जब अन्य आरोपी आकाश की गिरफ्तारी हुई तो सोनम यहां से भाग गई थी। 7-8 जून की रात सोनम इंदौर से उत्तर प्रदेश बुर्का पहनकर भाग गई थी। दरअसल राज ने ही सोनम को भागने को कहा था। जब हत्या के आरोपी पकड़े जाने लगे तो राज ने एक नया प्लान बनाया। राज ने सोनम से कहा कि वो उत्तर प्रदेश चली जाए और वहां से अपने भाई को फोन करे। भाई को बताए की उसकी किडनैपिंग की गई थी।
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