-कहा- राम मंदिर के नाम पर करोड़ों लोगों की आस्था से धोखा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में राम मंदिर के आसपास की जमीन खरीद में कथित घोटाले का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद अब कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर भाजपा सरकार पर हमला बोला है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की जरूरत है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि अयोध्या में मंदिर के नाम पर अनगिनत लोगों की आस्था के साथ धोखा हुआ है।
उन्होंने कहा कि दलितों की भूमि पर कब्जा करने के साथ ही कम मूल्य पर खरीदी गई जमीन महंगे दाम पर ट्रस्ट को बेची गई है। इसलिए इस पूरे प्रकरण की उच्चतम न्यायालय की देखरेख में जांच होनी चाहिए।
प्रियंका ने पार्टी ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘भगवान राम मर्यादा और नैतिकता के प्रतीक थे। भगवान राम ने बड़ा बलिदान इसलिए दिया क्योंकि उन्होंने सत्य के पथ पर चलने का निर्णय लिया लिया था। लेकिन अब उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
पूरे देश की आस्था को ठुकरा कर उसे चोट पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के लोगों की भगवान राम के प्रति गहरी आस्था है इसलिए देश के लगभग हर घर ने राम मंदिर ट्रस्ट को कुछ न कुछ दान दिया है।
घर-घर जाकर प्रचार भी किया गया। अपनी आस्था के कारण गरीब परिवार और महिलाओं ने अपनी बचत से चंदा दिया है। यह भक्ति की बात है और इसके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।’
कांग्रेस ने कहा कि यहां तक कि दलितों की जो जमीन खरीदी नहीं जा सकती थी, उसे भी खरीदा और हड़पा गया है। उन्होंने कहा कि जमीन का कुछ हिस्सा कम मूल्य का था, लेकिन उस जमीन को ट्रस्ट को बहुत अधिक कीमत पर बेचा गया।
इससे साफ है कि मंदिर निर्माण के लिए दान के माध्यम से हासिल की गई जमीन में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। ट्रस्ट को जमीन बेचकर भारी धन अर्जित किया गया है।
इसका मतलब है कि राम मंदिर के लिए चंदा के पैसे के साथ घोटाला किया गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट के लिए भूमि की खरीद में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में होनी चाहिए।
राज्य की योगी सरकार की ओर से जांच कराने की बात पर भी प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘हां, यूपी सरकार एक जांच आयोग आरोपों की जांच के लिए बनाने की बात कर रही है। लेकिन इस जांच का नेतृत्व कौन करेगा? ये अधिकारी जिला कलेक्टर लेवल के होंगे।’ ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था और उसके जरिए मामले की जांच कराई जानी चाहिए।
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