नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) को दोबारा प्राप्त करना अगला एजेंडा है।
वो पीओजेके विस्थापितों को समर्पित मीरपुर बलिदान दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस नेतृत्व में धारा 370 को खत्म करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है, वह पाकिस्तान के अवैध कब्जे से पीओजेके को फिर से हासिल करने की क्षमता रखता है।
दिल्ली में रविवार को मीरपुर बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में जितेंद्र ने कहा कि पहले यह कहा जाता था कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को कभी नहीं हटा सकती थी। यह लक्ष्य हासिल किया और अब हम गुलाम कश्मीर को वापस लेकर रहेंगे।
मीरपुर बलिदान दिवस 25 नवंबर को मनाया जाता है। पाकिस्तान ने 25 नवंबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर के मीरपुर-कोटली पर कब्जा कर हजारों लोगों की हत्या की थी। तब हजारों लोग पलायन कर जम्मू-कश्मीर में आ गए थे। मारे गए लोगों को इस बलिदान दिवस पर हर वर्ष श्रद्धांजलि दी जाती है।
उन्होंने भारत विभाजन को इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बताया और पाकिस्तान के अवैध कब्जे के कारण जम्मू और कश्मीर का एक हिस्सा खोना दूसरी त्रासदी कहा।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि यह राजनीति और राष्ट्रीय मुद्दे से ज्यादा मानवाधिकार के प्रति जिम्मेदारी है क्योंकि पीओजेके में हमारे भाई अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं, जहां स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही।
उल्लेखनीय है जितेन्द्र सिंह जम्मू कश्मीर की उधमपुर सीट से लोकसभा सदस्य हैं।
मीरपुर बलिदान दिवस पर कार्यक्रम के दौरान दिल्ली में बसे गुलाम कश्मीर से पलायन करने वाले परिवारों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने के लिए शिविर भी लगाया गया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र ने अपील की कि सभी लोग अपने डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनाएं। इससे इन परिवारों की कई प्रकार की समस्याओं का समाधान करना संभव होगा।
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