मध्यप्रदेश में चुनाव के पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों में बाहुबली बनने की होड़ रही। चुनाव के बीच में दो वीडियो वायरल हुए। एक में शिवराज को बाहुबली बताया गया तो दूसरे में कमलनाथ को। चुनाव में जीत के साथ कमलनाथ बाहुबली साबित हुए।शपथ लेते ही उन्होंने महिष्मति के सम्राट की तरह कांग्रेस के वचन पत्र को पूरा करने का ज़ज़्बा दिखाया। शपथ लेते ही कमलनाथ न 6 वचन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए। इसमें सबसे बड़ा किसानों की क़र्ज़ माफ़ी का वादा था। इसके साथ ही उन्होंने मेरा वचन ही मेरा शासन ही को साबित कर खुद को असली बाहुबली दिखाया।
किसानों का क़र्ज़ माफ़ करने को लेकर विपक्ष बड़ा हल्ला करने को तैयार बैठा था। शपथ के साथ ही दस दिन की उलटी गिनती शुरू करने की योजना थी। जिसे फिलहाल कमलनाथ ने नाकाम कर दिया। किसानों के अलावा अतिथि शिक्षकों, रोजगार, कन्या विवाह योजना की राशि बढ़ाने, चार गारमेंट पार्क खोलने जैसी योजनाओं पर भी मोहर लगाई। शपथ समारोह में भाजपा विरोधी लगभग सभी दल और उनके बड़े नेता शामिल हुए। ये 2019 के महागठबंधन की एक तस्वीर भी दिखाई दी।
कमलनाथ ने शपथ के बाद अपने जोरदार आगाज़ से साबित कर दिया कि वे प्रदेश के सबसे अनुभवी नेता होने के साथ ही सियासी प्रबंधन के भी महारथी है। जिस अंदाज़ में उन्होंने शुरवात की है, उसे बनाये रखना भी एक चुनौती है। हालाँकि कमलनाथ रास्ता बनाने और अपने एक लाइन के जवाब से सबका मुँह बंद कर देने के लिए जाने जाते हैं। मतदान के दिन उन्होंने सिर्फ एक लाइन कही थी जो सच साबित हुई -मतदान और भाजपा दोनों शांतिपूर्ण तरीके से निपट गए।
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