मी लार्ड कुछ करिये …. कब तक ऐसी गद्द्दारी से प्रत्याशी बिकते रहेंगे, मतदाता देखता रहेगा ? आखिर मतदाता के वोटिंग अधिकार का क्या होगा ?
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इंदौर। इंदौर से कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी का मामला मंगलवार को हाईकोर्ट पहुंच गया। अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस ने डबल बैंच में याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की अपील की । हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है।
कांग्रेस नेता मोतीसिंह पटेल ने ये याचिका दायर की है। पटेल कांग्रेस के डमी कैंडिडेट रहे हैं। दायर याचिका में कहा है कि कांग्रेस ने जो बी फॉर्म जारी किया था, उसमें अप्रूव्ड कैंडिडेंट में अक्षय बम का नाम था और उसी में सब्स्टीट्यूट कैंडिडेंट में मेरा नाम था।
फॉर्म बी अक्षय की ओर से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश किया था। इसी कारण से मेरा फॉर्म निरस्त कर दिया गया। अब जब अक्षय नामांकन वापस ले चुके हैं तो कांग्रेस के सब्स्टीट्यूट कैंडिडेंट के नाते मेरा फॉर्म मंजूर क्यों नहीं किया जा रहा है।
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मोतीसिंह पटेल ने मांग की है कि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित कि याजाए । अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के बाद वे ही अधिकृत प्रत्याशी हैं। फॉर्म बी में कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि यदि अप्रूव कैंडिडेट नामांकन वापस ले लेता है या उसका फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है तो वैकल्पिक नाम को प्रत्याशी माना जाएगा। याचिका में इसी को आधार माना है।
मालूम हो कि सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम (46) ने मैदान छोड़ दिया। तुरंत भाजपा भी जॉइन कर ली है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ अक्षय कलेक्टर कार्यालय पहुंचे।
वे भाजपा ही नहीं, बल्कि लोकल कांग्रेस की तरफ से भी प्रेशर का शिकार हो रहे थे। इसी कारण उन्होंने नामांकन वापस ले लिया। अक्षय के खिलाफ पूर्व विधायक संजय शुक्ला की ही तरह BJP नेता प्रेशर गेम खेल रहे थे।
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