Indore Fake TI

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खाकी वर्दी में आया मृतक राजा का दोस्त: नकली TI बनकर पहुंचा, रंगेहाथ पकड़े जाने के बाद खुले राज

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Indore Fake TI: इंदौर के बहुचर्चित हनीमून मर्डर केस से जुड़े राजा रघुवंशी परिवार को एक बार फिर धोखे का सामना करना पड़ा है।

एक युवक पुलिस की वर्दी पहनकर उनके घर पहुंचा और खुद को मृतक राजा का पुराना दोस्त बताते हुए परिवार से बातचीत करने लगा।

उसका मकसद संवेदनशील माहौल का फायदा उठाकर ठगी करना था, लेकिन सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते वह रंगेहाथ पकड़ा गया।

पुलिस के अनुसार, आरोपी पहले भी नकली पुलिसकर्मी बनकर वारदात को अंजाम दे चुका है। अब उससे अन्य मामलों में भी पूछताछ की जा रही है।

खाकी वर्दी में घर पहुंचा अनजान शख्स

गुरुवार शाम करीब 6 बजे इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी के घर एक युवक पुलिस की वर्दी पहनकर पहुंचा।

वर्दी पर कंधे पर तीन स्टार लगे थे, जिससे वह निरीक्षक (टीआई) प्रतीत हो रहा था। घर पर उस समय राजा के माता-पिता मौजूद थे।

युवक ने पिता से बात करते हुए खुद को राजा का मित्र बताया और कहने लगा कि वह उनसे कुछ जानकारी लेना चाहता है।

घर पर मौजूद मां उमा रघुवंशी को स्थिति संदिग्ध लगी, तो उन्होंने मोबाइल पर अपने बेटों को इसकी सूचना दी।

‘राजा की मौत का दुख साझा करने आया हूं’

सूचना मिलते ही राजा के भाई विपिन रघुवंशी और सचिन रघुवंशी तुरंत घर पहुंचे। दोनों ने युवक से पहचान और आने का कारण पूछा।

उसने अपना नाम बजरंग लाल बताया और दावा किया कि वह रेलवे में पदस्थ है तथा उज्जैन में उसकी पोस्टिंग थी।

उसने कहा कि 2021 में महाकाल मंदिर में उसकी राजा से मुलाकात हुई थी और तभी से वे दोस्त हैं।

विपिन को उसकी बातों पर शक हुआ, क्योंकि 2021 में कोरोना का लॉकडाउन चल रहा था और राजा कहीं बाहर नहीं जाते थे।

जब युवक से पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज दिखाने को कहा गया, तो वह घबरा गया और बात घुमाने लगा।

बात बढ़ने पर बजरंग लाल ने दावा किया कि वह राजा की मौत की खबर सुनकर दुख साझा करने आया है।

पुलिस की पूछताछ में शख्स निकला ठग

हालांकि, राजा के भाई विपिन ने नकली टीआई की हर बात पर सवाल उठाया।

तर्कों के अभाव और संदिग्ध रवैये को देखते हुए विपिन ने तुरंत राजेंद्र नगर पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को थाने ले जाकर सख्ती से पूछताछ की।

आरोपी की पहचान राजस्थान के रतनगढ़ निवासी बजरंग लाल जाट के रूप में हुई।

जांच में खुलासा हुआ कि न तो वह रेलवे में कर्मचारी है और न ही पुलिस में किसी पद पर है।

उसके पास कोई नियुक्ति आदेश या पहचान पत्र भी नहीं था।

सख्ती से पूछताछ करने पर उसने स्वीकारा कि वह सोशल मीडिया पर राजा की हत्या की खबर देखकर परिवार को ठगने के इरादे से इंदौर आया था।

पुलिस की सतर्कता और परिवार की सजगता

राजेंद्र नगर थाना प्रभारी नीरज बिरथरे ने बताया कि आरोपी बजरंग लाल का उद्देश्य परिवार का भरोसा जीतकर उन्हें धोखा देना था।

लेकिन परिवार ने समय रहते शक जाहिर किया और पुलिस को सूचित किया, जिससे आरोपी तुरंत पकड़ में आ गया।

पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी के खिलाफ पहले कहां-कहां शिकायतें दर्ज हैं।

यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने किस-किस तरह से खुद को नकली पुलिसकर्मी बनाकर वारदात की हैं।

बता दें राजा रघुवंशी की हत्या के बाद परिवार पहले ही सदमे में है।

ऐसे में नकली पुलिसकर्मी का घर पहुंचकर ठगी की कोशिश करना निंदनीय है।

राजा की हत्या और सोनम की गिरफ्तारी

राजा रघुवंशी की शादी 11 मई 2024 को सोनम नाम की युवती से हुई थी।

20 मई को दोनों हनीमून के लिए मेघालय रवाना हुए।

22 मई को वे सोहरा घूमने गए और एक एक्टिवा किराए पर ली।

24 मई के बाद परिवार का उनसे संपर्क टूट गया।

27 मई से सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ, लेकिन तेज बारिश के कारण रुकावटें आईं।

2 जून को खाई में राजा का शव बरामद हुआ।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उनकी हत्या पेड़ काटने वाले हथियार से की गई थी।

मामले में पुलिस ने सोनम को 9 जून को यूपी के गाजीपुर में एक ढाबे से पकड़ा।

इसके बाद केस में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

अब तक पुलिस 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से तीन को जमानत मिल चुकी है।

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