हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर बोले
शिमला। राजनीतिक क्षेत्र में गर्माहट पैदा करने वाले चंडीगढ़ प्रकरण को लेकर उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने पहली बार अपनी बात कही है।
ऐसी चर्चा उठी थी कि चंडीगढ़ में किसी मंत्री के नजदीकी व्यक्ति से कुछ धनराशि मिली है। उसी प्रकरण में बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा है कि यदि एक भी पैसे की हेराफेरी सामने आई तो वह राजनीति से तुरंत संन्यास ले लेंगे।
बकौल मंत्री, ‘मुझे बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। मैं पिछले 24 वर्षों से राजनीतिक क्षेत्र में हूं और ईमानदारी के साथ जिम्मेदारियों का पालन कर रहा हूं।
मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस प्रकार का विषय कहां से आया और मुझे उसके साथ क्यों और किस आधार पर जोड़ा जा रहा है।’
कोई मामला दर्ज नहीं हुआ : मंत्री बिक्रम ठाकुर होटल पीटरहाफ में कामगार कल्याण बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
इस प्रसंग में आए सवाल के जवाब पर बिक्रम सिंह ने पलटकर पूछा कि चंडीगढ़ में क्या हुआ? कोई आपराधिक मामला दर्ज हुआ? क्या उस मामले में मेरा संबंध है?
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो विषय घटित नहीं हुआ है, उससे मेरा नाम उछालने का क्या मतलब? उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि मैं लंबे समय से राजनीति में हूं और मेरे ऊपर कभी कोई सवाल नहीं उठा।
हैरान हूं कि ऐसे की आधारहीन विषय को लेकर हवा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाह फैलाने वाले मुझे राजनीतिक नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
सरकारी वाहन किसका था : दरअसल, जब इस प्रकरण की चर्चा आरंभ हुई तो देर रात तक कहीं कोई मामला दर्ज नहीं था। इधर इस मामले में प्रयुक्त हुए वाहन को सचिवालय में बैठने वाले एक राजनीतिक ओहदेदार के साथ जोड़ा जा रहा है।
हालिया घटित इस मामले में चर्चा रही कि सरकारी वाहन में करोड़ों की धनराशि आखिर कहां जा रही थी। चंडीगढ़ पुलिस की ओर से मामले में कोई औपचारिक कार्रवाई तो नहीं हुई थी मगर सरकारी वाहन में करोड़ों की नकदी का मुद्दा फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है।
ऐसा भी कहा जा रहा है कि ये पूरा मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में है। विपक्षी कांग्रेस इस मामले को बड़े स्तर पर तूल देने की तैयारी में है।उसी दिन प्रदेश के पुलिस प्रमुख संजय कुंडू ने कहा था कि चंडीगढ़ में क्या हुआ, उन्हें कुछ पता नहीं है।