Congress MLA K C Veerendra: ED ने बड़ी कार्रवाई कर कर्नाटक में कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है।
चित्रदुर्ग विधानसभा से विधायक और कर्नाटक में पप्पी नाम से मशहूर वीरेंद्र को शनिवार को सिक्किम के गंगटोक से हिरासत में लिया गया।
कांग्रेस MLA की गिरफ्तारी अवैध ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत हुई है।
करोड़ों की नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त
ED ने शुक्रवार को देशभर में एक साथ 31 जगहों पर छापेमारी की।
इसमें बेंगलुरु, चित्रदुर्ग, हुबली, मुंबई, जोधपुर, गंगटोक और गोवा शामिल थे।
जांच एजेंसी को वीरेंद्र और उनके सहयोगियों के ठिकानों से 12 करोड़ रुपये नकदी मिली है।
बरामद नकदी में 1 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा भी शामिल है।
इसके अलावा 6 करोड़ रुपये की सोने-चांदी की ज्वेलरी और करीब 10 किलो चांदी बरामद हुई।
कार्रवाई के दौरान चार लग्जरी गाड़ियां, 17 बैंक खाते और दो लॉकर फ्रीज किए गए हैं।
ED arrested KC Veerendra, Karnataka's MLA from Chitradurga constituency, from Gangktok in connection with illegal online and offline betting case and recovered amount of approximately Rs 12 crore in cash, including approximately Rs 1 crore in foreign currency, gold jewellery… pic.twitter.com/BlHzQdStkd
— ANI (@ANI) August 23, 2025
गोवा में 5 कैसिनो, ऑनलाइन सट्टेबाजी का नेटवर्क
छापेमारी में खुलासा हुआ कि केसी वीरेंद्र का गोवा में पांच कैसिनो में मालिकाना हक और हिस्सेदारी है।
इनमें पप्पी’स कैसीनो गोल्ड, ओशन रिवर्स कैसीनो, पप्पी’स कैसीनो प्राइड, ओशन 7 कैसीनो और बिग डैडी कैसीनो शामिल हैं।
इसके अलावा वे कई ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग वेबसाइट भी चला रहे थे, जिनके नाम King567, Raja567, Puppy’s003 और Ratna Gaming हैं।
ईडी की जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क देश-विदेश में फैला हुआ था।
अवैध कमाई को वैध दिखाने के लिए कई लेयरिंग कंपनियों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
वीरेंद्र के भाई केसी थिप्पेस्वामी दुबई से डायमंड सॉफ्टटेक, टीआरएस टेक्नोलॉजीज और प्राइम9 टेक्नोलॉजीज नाम की कंपनियां चलाते हैं, जो कॉल सेंटर सेवाओं और गेमिंग बिजनेस से जुड़ी हैं।
वहीं, दूसरा भाई केसी नागराज और उसका बेटा पृथ्वी एन. राज भी इस रैकेट का हिस्सा बताए जा रहे हैं।
ऑनलाइन गेमिंग बिल पास होने के बाद कार्रवाई
दिलचस्प बात यह है कि संसद में ऑनलाइन गेमिंग बिल पास होने के अगले ही दिन ईडी ने यह बड़ी कार्रवाई की।
माना जा रहा है कि इस बिल के जरिए सरकार ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग कंपनियों पर सख्त नियंत्रण की तैयारी कर रही है।
ईडी का कहना है कि अवैध ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी से भारी मात्रा में काले धन का लेन-देन हो रहा था, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए सफेद किया जा रहा था।
यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है।
ईडी अधिकारियों के मुताबिक, पूरे नेटवर्क में हवाला के जरिए भी पैसे का लेन-देन होता था।
जांच में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनसे यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपी लंबे समय से इस धंधे में शामिल थे।
फिलहाल, ईडी ने संकेत दिए हैं कि मामले में और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
जांच एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी से होने वाली कमाई का इस्तेमाल किन-किन क्षेत्रों में किया गया और इसमें और कौन-कौन शामिल है।
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