1000 साल पुराने संभल के नेजा मेला पर रोक, प्रशासन ने कहा -लुटेरे की याद में कोई कार्यक्रम नहीं

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Ban on Neja Fair- संभल ।यूपी का संभल एक बार फिर चर्चाओं में है। एक के बाद एक बढ़ते विवाद यहाँ थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। संभल के प्रशासन ने नेजा मेला को लेकर एक और बड़ा फैसला लिया है। कहा गया है कि सोमनाथ मंदिर लूटने वाले की याद में लगने वाला नेजा मेला अब से नहीं लगेगा। संभल जिले में प्रशासन और पुलिस ने महमूद गजनवी के भांजे और सैन्य कमांडर सैयद सालार मसूद गाजी की याद में वार्षिक ‘नेजा मेले’ के आयोजन को अनुमति देने से इंकार कर दिया है जिसको लेकर राज्य की राजनीति गर्मा गयी है। संभल पुलिस ने साफ कहा है कि देश को लूटने वाले ब्यक्ति की याद में यदि कोई कार्यक्रम आयोजित होता है तो उसे देशद्रोह मन जायेगा। मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह मेला पिछले 1000 साल से लग रहा था। अब पुलिस प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि मेले का झंडा गाड़ने वाले की देशद्रोही करार दिया जायेगा।

बता दें कि संभल में हर साल मसूद गाजी की याद में मेला लगता था जिसमें बड़ी संख्या में मुसलमान भाग लिया करते थे। मसूद गाजी वही आक्रांता है जिसने सोमनाथ मंदिर को लूटा था। ‘नेजा मेला’ कमेटी के सदस्य सोमवार को कोतवाली में अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र से मिले, जहां अधिकारी ने साफ शब्दों में सालार मसूद गाजी के नाम पर मेले के आयोजन को अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कमेटी के लोगों से स्पष्ट किया कि इतिहास गवाह है वह (मसूद गाजी) महमूद गजनवी का सेनापति था, जिसने सोमनाथ को लूटा और कत्लेआम किया। अधिकारी ने बताया कि किसी लुटेरे की याद में किसी भी तरह का मेले का आयोजन नहीं होगा। शहर के कई मुस्लिम नेताओं ने इस मुद्दे पर बड़े अधिकारीयों से बात करने के बारे में बताया।

‘लुटेरे की याद में बिल्कुल मेला नहीं लगेगा। अगर लगा तो आप राष्ट्रद्रोही हैं।अगर इस देश के हैं, तो ऐसी इजाजत नहीं मांगेंगे।आप ही कह रहे हैं कि सोमनाथ को लूटा था, तो ऐसे आदमी की याद में आप कार्यक्रम क्‍यों कर रहे हैं। बिल्कुल नहीं होगा, बिल्कुल नहीं होगा… फिर भी आपको लगता है कि नेजा मेला लगाना है, तो पहले जाकर एप्लिकेशन दीजिएगा। ‘
एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र

क्यूँ लगता है नेजा मेला

दरअसल, नेजा मेला हर साल सालार गाजी की याद में मनाया जाता है. पुलिस का कहना है कि सालार गाजी एक लुटेरा था। वो महमूद गजनी का सेनापति था, जिसने सोमनाथ मंदिर को लूटा था। सालार गाजी ने पूरे देश में कत्लेआम किया था, जिसे राजा सुहेलदेव ने मार डाला था।

18 मार्च को होना था शुरू

नेजा मेले की शुरुआत के लिए झंडा 18 मार्च को गाड़ा जाना था। इसके बाद मेला कमेटी ने 25, 26 और 27 मार्च को मेला लगाने का ऐलान किया था। लेकिन अब मामला खटाई में पड़ता दिख रहा है। नगर ‘नेजा मेला’ कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि यहां पर सैकड़ों वर्ष से मेले का आयोजन किया जाता है लेकिन इस वर्ष पुलिस अधिकारियों ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि सालार मसूद गाजी आक्रांता थे और उनकी याद में मेले का आयोजन नहीं होगा।

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