नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत अमेठी सीट से हार गए थे। उसके बाद यह पहला मौका है, जब वह अमेठी के दौरे पर जाने वाले हैं।
राहुल गांधी और पीएम प्रियंका गांधी 18 दिसंबर को जन जागरण अभियान के तहत अमेठी जाने वाले हैं। इस दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी एक पदयात्रा में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी गई है।
अर्थव्यवस्था में गिरावट और महंगाई जैसे मुद्दों पर कांग्रेस ने देशव्यापी प्रदर्शन शुरू किए हैं। इसके तहत ही अमेठी में भी पार्टी पदयात्रा का आयोजन करने लेने वाली है। देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की जयंती 14 नवंबर से कांग्रेस ने इस अभियान की शुरुआत की थी।
रविवार को ही कांग्रेस की जयपुर में एक बड़ी रैली थी। इसमें सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी मौजूद थे। राजस्थान की रैली में भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि 2014 से अब तक गैस सिलेंडर, घी, दाल, आटा और चीन जैसी चीजों के दाम दोगुने हो गए हैं।
इस दौरान राहुल गांधी ने तंज कसते हुए लोगों से पूछा था, ‘अच्छे दिन आ गए?’। फिर इस पर जवाब देते हुए कहा, ‘अच्छे दिन आ गए- हम दो, हमारे दो एक!’। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि कुछ चुनिंदा कारोबारियों के लिए आम लोगों से हर चीज को छीना जा रहा है।
इसी महीने की 16 तारीख को राहुल गांधी देहरादून में भी एक रैली करने जा रहे हैं। बांग्लादेश के निर्माण और पाकिस्तान से युद्ध में जीत के 50 साल पूरे होने के मौके पर यह आयोजन होने वाला है।
हालांकि सबसे अहम दौरा अमेठी का ही है, जहां राहुल गांधी 2019 की हार के बाद से ही नहीं गए थे। उनके इस दौरे से यह कयास भी लगने लगे हैं कि क्या एक बार फिर से वह अपने गढ़ में वापसी करेंगे, जहां से अब स्मृति इरानी लोकसभा की सांसद हैं।
राहुल गांधी की अमेठी में हार की काफी चर्चा हुई थी। तीन पीढ़ियों से गांधी फैमिली का गढ़ रही इस सीट पर 2014 में भी स्मृति इरानी उनके मुकाबले लड़ी थीं, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन हालात 2019 में बदल गए और राहुल गांधी को अमेठी से ही बेदखल होना पड़ा।
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