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दिल्ली। मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में बड़े नेता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते। जिस राज्य में कांग्रेस की सरकार है वहां भी नहीं। ताजा मामला हिमाचल का है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ़ तौर पर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। वे बोलीं, कोई कार्यकर्त्ता काम नहीं करना चाहता। सिर्फ सांसद फण्ड देने से चुनाव नहीं जीत सकते।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने ये बयान दिया है। लोकसभा चुनाव की टिकटों पर चर्चा के लिए दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में भाग लेने के बाद शिमला लौटीं प्रतिभा सिंह ने दो टूक कह दिया कि वह इस बार मंडी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी।
उन्होंने कमेटी को भी संभावित उम्मीदवारों के पैनल से अपना नाम हटाने के लिए कह दिया है।प्रतिभा सिंह ने कहा- मेरे लोकसभा चुनाव न लड़ने का कारण कांग्रेस की स्थिति अच्छी न होना है। सिर्फ MP फंड बांटने से चुनाव नहीं जीत सकते। आज कांग्रेस का वर्कर निराश, परेशान है। उसको कोई महत्त्व नहीं मिल रहा।
यदि कार्यकर्त्ता को महत्त्व नहीं मेलगा तो पार्टी कैसे चलेगी। आज मुझे ऐसा कोई वर्कर नजर नहीं आता जो पार्टी के लिए काम करने का इच्छुक हो।
प्रतिभा सिंह ने कहा- कार्यकर्ता ही चुनाव जिताने में अहम रोल निभाते हैं। इसलिए मैं बार-बार कार्यकर्ताओं को महत्व देने के लिए आवाज उठाती रही। मैं लगातार फील्ड में घूम रही हूं और ग्राउंड पर वर्करों के हालात देखकर मुझे नहीं लगता कि ज्यादा सफलता मिल पाएगी। इसलिए पार्टी हाईकमान जिसे ठीक समझे, उसे फील्ड में उतार ले। मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी।
मंडी तक सीमित नहीं रहता चाहती
प्रतिभा सिंह ने कहा- हिमाचल में लोकसभा के साथ-साथ छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने वाले हैं। राज्य में अपनी सरकार बचाए रखने के लिए यह उपचुनाव जीतना कांग्रेस के लिए जरूरी है। मैं मंडी तक सीमित नहीं होना चाहती बल्कि पूरे प्रदेश में जाऊंगी। कांग्रेस पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे मैं निभाऊंगी।
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