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भोपाल। माता सीता तलाकशुदा थी और उनका जमीन में समा जाना आत्महत्या के समान था। यह कहना है मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव का। मंत्री जी कारसेवकों का सम्मान करने नागदा पहुंचे थे और साधु संतो के बीच उन्होंने माता सीता को लेकर बेहद आपत्तिजनक बाते कही । मंत्री जी यही नही रुके उन्होंने वर्तमान में तलाकशुदा महिलाओ को भी इशारों इशारों में आड़े हाथों ले लिया।
गौरतलब है कि 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रदेश के कोने कोने में जाकर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे है वहीं उनके मंत्रिमंडल के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे मंत्रियों में शुमार उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव बेलगाम भाषा के जरिये सरकार की छवि को खराब करने को आमादा है।
डॉ मोहन यादव खुद की विधानसभा क्षेत्र में जब जनपद चुनाव हार गए और कांग्रेस जीत गई थी,तब भी कपड़े फटने की बात लगकर भौंडा प्रदर्शन किया था। मंत्री जी के कारनामो की गूंज शहडोल विश्वविद्यालय में प्राध्यापकों की भर्ती में भी आई,जहां उन पर रिश्तेदारों को भरने के आरोप लगे। मंत्री जी खुद के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालय को भी ठीक नही कर पा रहे है और अब तो विश्वविद्यालय में पत्थरबाजी के साथ उनके पुतले भी जलाए गए है।
जब उच्च शिक्षा मंत्री ही बेलगाम होकर व्यवहार करें तो सरकार की इमेज की रक्षा कैसे होगी,यह बड़ा सवाल है। उधर कांग्रेस नेता और कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी ने उच्च शिक्षा मंत्री पर निशाना साधते हुए माता सीता पर दिए गए बयान को शर्मनाक बताया है।

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