जोहान्सबर्ग। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स में छह नए देशों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स देशों के प्रमुखों की बैठक में ईरान, इथोपिया, अर्जेंटीना, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मिस्त्र को एक जनवरी, 2024 से नए सदस्यों के तौर पर आमंत्रित किया गया है। इन देशों के अलावा भी ब्रिक्स में और सदस्यों के लिए रास्ता खुला रखा गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन नए देशों को ब्रिक्स में शामिल किया गया है उनसे भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं। इस विस्तार को पीएम मोदी ने जरूरी बताते हुए कहा कि यह सभी वैश्विक संस्थानों के लिए संदेश है।
नए सदस्यों के साथ भारत के पहले से अच्छे रिश्ते
ब्रिक्स के नए सदस्यों में शामिल सऊदी अरब और यूएई भारत के पुराने रणनीतिक साझीदार हैं, जबकि मिस्र के साथ रिश्तों को हाल ही में रणनीतिक दर्जा दिया गया है। ईरान के साथ भी भारत के मैत्रीपूर्ण रिश्ते हैं। नए सदस्य बनाने के साथ ही ब्रिक्स देशों की तरफ से जारी घोषणा पत्र में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) समेत संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था में विस्तृत सुधार करने और यूएनएससी में भारत व कुछ दूसरे देशों की बड़ी भूमिका सुनिश्चित करने की अपील की गई।
विस्तार में पीएम मोदी ने निभाई अहम भूमिका
शिखर सम्मेलन में शामिल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए देशों को शामिल करने पर सहमति बनाने में अहम भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि भारत के रणनीतिक हितों से जुड़े देशों को इसमें जगह मिले। यह भारत की अपने राष्ट्रीय हितों को साधते हुए वैश्विक शक्तियों के बीच तालमेल बिठाने की कूटनीति है। एक तरफ जहां भारत अमेरिका के साथ क्वाड का सदस्य है। वहीं, वह चीन की तरफ से शुरू किए गए ब्रिक्स का भी अहम सदस्य है।
मोदी बोले विस्तार सही समय पर लिया गया निर्णय
पीएम मोदी ने ब्रिक्स विस्तार को सही समय पर लिया गया निर्णय बताया और कहा कि इससे विकासशील व गरीब देशों को सही प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। ब्रिक्स के सभी नए सदस्यों के साथ भारत के पुराने रिश्तों का जिक्र करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि ब्रिक्स के नए सदस्यों के आने से यह संगठन और ज्यादा क्रियाशील व गतिशील होगा। पीएम मोदी ने कहा भारत मौजूदा वैश्विक संस्थानों में बड़े बदलाव का पक्षधर है । पीएम मोदी ने कहा ब्रिक्स विस्तार को सभी वैश्विक संस्थानों को बदलते समय के संदेश के तौर पर लेना चाहिए।
पाकिस्तान को ब्रिक्स में शामिल करने की कोशिश विफल
माना जाता है कि चीन की तरफ से पाकिस्तान को भी ब्रिक्स में शामिल करने की कोशिश की गई, लेकिन भारत का समर्थन नहीं मिलने से बात आगे नहीं बढ़ पाई। वहीं, अब जबकि ब्रिक्स देशों ने और देशों को भी बतौर सदस्य शामिल करने का संकेत दिया है, तो पाकिस्तान के लिए भी इस संगठन के दरवाजे खुले हुए हैं। पाकिस्तान ने पूर्व में कई बार ब्रिक्स का सदस्य बनने की इच्छा जताई है और भारत की तरफ इशारा भी किया है कि एक देश की वजह से वह सदस्य नहीं बन पा रहा। गुरुवार को ब्रिक्स की तरफ से जारी घोषणा पत्र में आतंकवाद के विरुद्ध कदम उठाने की जो बातें कही गई हैं। इसमें कहा गया है, ‘अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से अपील की जाती है कि वह आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावशाली कदम उठाएं। ब्रिक्स देश आतंकवाद के प्रति दोहरे मानदंड को खारिज करते हैं।’ ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के विरुद्ध आपसी सहयोग को और मजबूत बनाने की बात कही है।
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