तब शेषन ऐसे भड़के कि प्रेस कांफरेंस छोड़ कर चले गए

Share Politics Wala News

वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा ने इंदौर में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीेएन शेषन को याद करते हुए साझा किये उनके साथ की प्रेस कांफ्रेंस के अनुभव

कीर्ति राणा
टीएन शेषन (तिरुनेलै नारायण अइयर शेषन) इंदौर आए थे सत्यसांई स्कूल के वार्षिक समारोह में शामिल होने।सुबह रेसीडेंसी पर उनसे प्रेस कांफरेंस के दौरान मेरी उनसे कुछ ऐसी हॉट टॉक हो गई कि वे गुस्से में प्रेस कांफरेंस छोड़ कर चले गए थे।उनका इस तरह चले जाना मेरे लिए ही नहीं पूरी मीडिया के लिए हेडलाईन न्यूज बन गई थी।
लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी थी और मप्र में सीएम थे दिग्विजय सिंह। मप्र के तत्कालीन परिवहन आयुक्त देउस्कर ने जिलों के परिवहन अधिकारियों की अर्जेंट बैठक बुलाकर निर्देश दे दिए कि कांग्रेस के हर लोकसभा प्रत्याशी को दो दो चार पहिया वाहन और बीस बीस लाख रु की व्यवस्था करना है। इंदौर के एआरटीओ गुलाबसिंह रघुवंशी ने बैठक के बीच ही मांग कर डाली कि यह आदेश लिखित में दीजिए। बैठक में मची खलबली-विवाद की जानकारी मुझे लगी तो बिग ब्रेकिंग न्यूज तैयार होगई।उन दिनों दैनिक भास्कर में संपादक थे श्रवण गर्ग, जाहिर है खबर पेज वन पर लगी और अगले दो दिन भोपाल और (ट्रांसपोर्टकमिश्नरएमपी) ग्वालियर से जुड़ी हलचल (फालोअप) मैंने इंदौर में बैठ कर ही जुटाई।इस खबर का ऐसा असर और हलचल हुई कि केंद्र ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।
उन्हीं दिनो टीएन शेषन इंदौर में उद्योगपति (और तत्रकालीन वित्मेत मंत्री मनमोहन सिंह के मित्र) रमेश बाहेती के निमंत्रण पर सत्यसांई स्कूल के फंक्शन में भाग लेने आए थे। उनके आगमन से एक दिन पहले मैंने दैनिक भास्कर में उसी खबर का श्मशान जगाया। सुबह रेसीडेंसी कोठी पर जल्दी पहुंच गया और जो सेवक उनके रूम में चाय-नाश्ते की ट्रे लेकर जाने वाला था, उस ट्रे में मैंने प्रकाशित खबर वाला वह पेज खबर के चारों तरफ रेड इंक से हाईलाइट कर रख दिया।घंटे डेढ़ घंटे बाद शेषन प्रेस कांफ्रेंस वाले मुख्य हॉल में आए।हाथ में वही पेज गोल घड़ी किए पकड़ रखा था। वरिष्ठ पत्रकार (स्व) जवाहरलाल राठौर ने प्रश्न पूछा। उनके पास मैं बैठा था, मैंने पूछ लिया शेषन साब मप्र में कांग्रेस जो चुनाव धांधली कर रही है, आप की जानकारी में है या नहीं। सीबीआई जांच के आदेश हुए हैं आप को पता है या नही, आप के विभाग ने क्या एक्शन लिया? इतनी देर में तो उनका चेहरा तमतमा चुका था। हाथ में पकड़ा वही अखबार दिखाते हुए टूटीफूटी हिंदी में दहाड़ते हुए कह रहे थे ये तुमने भेजा, मैं सोचता था कौन आदमी है। तुम ऐसे कैसे पूछता? मैं सीबीआई है क्या? मैंने भी तुरंत कहा आप सीबीआई से पूछ सकते है, क्यों नहीं पूछा कि अब तक क्या किया।
उन्होंने लगभग झुंझलाते हुए वह पन्ना टेबल पर जोर से फैंक दिया और ‘नहीं करना मुझे बात’ कहते हुए गुस्से में हॉल से चले गए। कुछ देर के लिए तो हॉल में सन्नाटा छा गया। कुछ पत्रकार मित्र नाराज भी हुए कि प्रेस कांफ्रेंस भंड हो गई तेरे कारण तो कुछ ने तारीफ भी की कि शेषन ठीक से जवाब नही दे सके तेरे क्वैश्चन का….।
1996 में रैमन मेगसासाय अवार्ड से सम्मानित टीएन शेषन कई मामलों में मुख्य चुनाव आयुक्त एसएल (श्यामलाल) शकधर से भी खुर्राट और कानून के पाबंद थे। यही कारण रहा कि सत्ता और विपक्ष के सभी नेता उनके नाम से थर्राते थे।लोकतंत्र की मजबूती और निष्पक्ष चुनाव के लिए देश उन्हें सदैव याद रखेगा, नमन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *