टूट के डर से विधायकों को इंदौर ला सकती है शिवसेना

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महाराष्ट्र में शिवेसना न सभी विधायको के मोबाइल जमा कराये और उन्हें दो दिन के होटल रंग शारदा में शिफ्ट किया, यहां से उन्हें इंदौर लाया जा सकता है

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की अंतिम तारीख दस है। इसके पहले राज्यपाल के सामने दावा पेश होना है। शिवसेना में विधायको के टूटने का डर है। इस डर ले चलते उद्धव ठाकरे ने बैठक के बाद विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया है।

मातोश्री में बैठक के बाद विधायकों को रंग शारदा होटल शिफ्ट किया गया है। पार्टी का कहना है कि उसके विधायको की खरीद-फरोख्त की जा सकती है। पार्टी यह आशंका अपने मुखपत्र सामना में भी जता चुकी है।शिवसेना विधायकों को मुंबई से बाहर किसी दूसरे राज्य में ले जाने का भी मन बना रही है।

सूत्रों के अनुसार विधायको को मध्यप्रदेश के इंदौर में लाने का भी विचार है। प्रदेश में चूंकि कांग्रेस सरकार है, और इंदौर में शिवसेना की भी ताकत है, इसके अलावा इंदौर से मुंबई की अप्रोच आसान है। यहां से एयर और बस कनेक्टिविटी की “सुविधा” अच्छी है।कुछ साल पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी अपने विधायको को इंदौर के होटल में रख चुकी है।

उधर राजयपाल से मुलाकात के बाद बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने एक बार फिर से गठबंधन सरकार बनने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, “इस चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने बीते 5 साल तक सरकार चलाने वाले बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है। उस जनादेश के आधार पर अब तक सरकार बननी चाहिए थी। उधर शिवसेना ने भाजपा को चुनौती दी है कि दम है तो सरकार बनाकर दिखाए।

शिवसेना को विधायकों के टूटने का डर

विधायकों को लेकर शिवसेना में कितना डर है ये उद्धव ठाकरे की बैठक में साफ़ दिखाई दिया । शिवसेना ने विधायकों को फोन स्विच ऑफ करवाए। मोबाइल बैठक हॉल हॉल से बाहर जमा करा लिए गए। शिवसेना ने सभी विधायकों ने 50-50 के फॉर्मूले पर टिके रहने की बात कही। मातोश्री में पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटील ने कहा, विधायक अगले दो दिन होटल रंग शारदा में रहेंगे। हम वही करेंगे, जो उद्धव ठाकरे कहेंगे।

“ढाई-ढाई” साल सीएम पद पर अड़ी शिवसेना

शिवसेना की मांग है कि “ढाई-ढाई” साल के लिए मुख्यमंत्री का पद बीजेपी और शिवसेना को दिया जाए। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी सीएम पद को लेकर झुकने वाली नहीं है। वहीं, बीजेपी किसी भी कीमत पर सीएम पद शिवसेना को देने को तैयार नहीं है। बीजेपी के कई नेताओं ने गुरुवार को भी कहा कि सीएम बीजेपी का ही बनेगा।

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