मीडिया वालों सवाल पूछोगे तो साहब नाराज हो जाएंगे !

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मीडिया पर पाबंदी लगाना वित्त मंत्री निर्मला को पड़ने लगा महंगा, नाराज पत्रकारों ने पहले रात्रि भोज और अब प्रेस कांफ्रेंस का कर दिया बहिष्कार

वित्त मंत्रालय में मीडिया पर पाबंदी के विरोध में पत्रकारों ने पहले निर्मला सीतारमण के रात्रिभोज का बहिष्कार किया. अब उन्होंने शुक्रवार को मंत्रालय की तरफ से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस का बायकॉट किया है. वित्त मंत्रालय और उसे कवर करने वाले पत्रकारों के बीच कड़वाहट शुक्रवार को उस समय और बढ़ गयी जब बीट रिपोर्टरों ने वित्त मंत्रालय के प्रेस कांफ्रेंस का बॉयकॉट कर दिया. इससे पहले सभी पत्रकार वित्त मंत्री का डिनर भी बॉयकॉट कर चुके हैं.

नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में पत्रकारों की एंट्री पर लगी रोक के बाद शेयर बाजार में जारी गिरावट और अर्थव्यवस्था के बुरे संकेतों के बीच पहली बार वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. हालांकि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस वित्त मंत्रालय में नहीं बल्कि नेशनल मीडिया सेंटर में बुलाई गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैमरा ले जाने की इजाजत नहीं थी. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऑफ कैमरा, ऑन रिकॉर्ड थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए निर्धारित समय शाम 4:30 बजे से पहले पत्रकार नेशनल मीडिया सेंटर पहुंच चुके थे. जब वे प्रेस कॉन्फ्रेंस वाले कमरे में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी संबोधित करेंगे. इसमें ये अधिकारी केवल एक बयान पढ़ेंगे, पत्रकारों को सवाल पूछने की इजाजत नहीं होगी.

इसके बाद सभी पत्रकार नाराज हो गए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जब वे सवाल ही नहीं पूछ सकते, तो प्रेस कांफ्रेंस बुलाने की जरूरत क्या थी? वित्त मंत्रालय केवल प्रेस रिलीज जारी कर देता. प्रेस वार्ता में मौजूद पत्रकारों ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष वित्त मंत्रालय में पत्रकारों की एंट्री पर लगी रोक का भी मुद्दा उठाया. कई पत्रकार बोले, पहले मंत्रालय में एंट्री पर बैन लगा दिया गया, अब सवाल पूछने का हक भी छीना जा रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भी पहुँचे पर कुछ बताए बगैर वे वहां से चले गए.

पत्रकारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का किया बॉयकॉट

एक दो पत्रकारों को छोड़कर सभी पत्रकार प्रेस कॉन्फ्रेंस का बायकॉट करके प्रेस वार्ता वाले कमरे से बाहर निकल आए. थोड़ी देर बाद बाहर खड़े पत्रकारों को बयान थमा दिया गया जिसके लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी. पत्रकारों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस बॉयकॉट किये जाने से वित्त मंत्रालय के अधिकारी असहज महसूस कर रहे थे. पत्रकारों के लिए चाय जलपान की व्यवस्था की गई थी. पर पत्रकारों ने उसका भी बॉयकॉट कर दिया.

पीआइबी मान्यता प्राप्त पत्रकारों की एंट्री पर बैन

आपको पता दे बजट पेश होने से पहले गोपनीयता बरतने के लिए वित्त मंत्रालय में हर साल पत्रकारों की एंट्री पर रोक लगा दी जाती है जिसे बजट पेश होने के बाद हटा लिया जाता है. इस वर्ष भी 10 जून से वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के एंट्री पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन 5 जुलाई को बजट पेश होने के बाद इन बंदिशों को हटाया नहीं गया. इसके बाद पत्रकारों को बताया गया कि वित्त मंत्रालय में उनकी एंट्री पर रोक लगा दी गयी है. पीआईबी कार्ड होल्डर पत्रकारों की भी अब एंट्री नहीं होगी. वित्त मंत्रालय में तभी एंट्री की इजाजत होगी जब अंदर से कोई अधिकारी मुलाकात का समय देगा.

वित्त मंत्री के डिनर का बॉयकॉट

हर वर्ष बजट पेश होने के बाद वित्त मंत्री द्वारा पत्रकारों के लिए परंपरागत डिनर का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष भी इसका आयोजन किया गया. लेकिन पत्रकारों ने वित्त मंत्रालय में एंट्री पर लगी रोक के चलते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के डिनर का बहिष्कार कर दिया. वित्त मंत्रालय में पत्रकारों की एंट्री पर लगी रोक की चौतरफा आलोचना भी हुई है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया जैसी कई संस्थाओं ने बयान जारी कर इसकी निंदा की है.

पत्रकार मनीष कुमार की रिपोर्ट

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