देहरादून | उत्तराखंड में महिला आबादी की तुलना में महिला वोटरों की संख्या कम है। जनसंख्या के अनुपात के हिसाब से देखा जाए तो हर विधानसभा क्षेत्र में महिला आबादी की तुलना में प्रति हजार पर 33 महिला वोटर कम हैं।
जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में इस समय लिंगानुपात प्रति हजार पुरुष पर 953 महिलाओं का है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या कहती हैं कि राज्य में महिला आबादी की तुलना में महिला वोटर भी कम हैं।
इसके सापेक्ष वोटरों का अनुपात देखें तो पुरुष-महिला का अनुपात 1000:920 है जबकि यह आंकड़ा 1000:953 होना चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने कहा-आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि राज्य में करीब एक लाख 25 हजार महिला वोटर कम हैं। इन महिलाओं की पहचान कर उन्हें वोटर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों में मतदाता बनने की उम्र पार कर चुके 3.50 लाख से अधिक युवा अभी वोटर नहीं बने हैं। राज्य में बड़ी संख्या में युवा हाईस्कूल व इंटर पास करने के बाद शहरों का रुख कर लेते हैं।
कई पढ़ाई के लिए पलायन करते हैं तो कई रोजगार की खोज में शहर पहुंच जाते हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं युवाओं में से साढ़े तीन लाख के करीब युवा अभी तक वोटर नहीं बन पाए हैं। चुनाव आयोग का मानना है कि जागरूकता की कमी भी इसकी वजह हो सकती है।
विकासनगर, चकराता, त्यूनी, पुरोला, बड़कोट, उत्तरकाशी, नई टिहरी, घनसाली, तिलवाड़ा, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग, गौचर, कर्णप्रयाग, श्रीनगर, पौड़ी, सतपुली, लैंसडाउन, कोटद्वार, हरिद्वार, बहादराबाद, लक्सर, रुड़की, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज,नानकमत्ता, खटीमा, बनबसा, टनकपुर, चंपावत-लोहाघाट, पिथौरागढ़, डीडीहाट, चौकोली, कौसानी, बागेश्वर, द्वाराहाट,रानीखेत, अल्मोड़ा, मुक्तेश्वर, नैनीताल और हल्द्वानी।
राज्य में साढ़े तीन लाख के करीब युवा ऐसे हैं जिन्होंने 18 साल की आयु पूरी कर ली है लेकिन वे अभी तक मतदाता नहीं बने हैं। इसी तरह राज्य में महिला आबादी की तुलना में महिला वोटर भी कम हैं।
इन दोनों वर्गों को वोटर बनाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। ऐसे क्षेत्रों की पहचान भी कर ली गई है।
यहां की कुल जनसंख्या 78,45,749 है, जिसमें 40,87,018 पुरुष तथा
37,58,731 महिला एं हैं।
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