राजनीति छोड़ अतिथि विद्वानों को नियमित करें शिवराज-पटवारी

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पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने शिवराज सिंह को लिखा पत्र, बोले कांग्रेस सरकार में बनी अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की नोटशीट शिवराज ने दबाई

इंदौर। प्रदेश के 4500 अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण फिर अटक गया है। कमलनाथ सरकार ने इनके नियमितीकरण की घोषणा कर दी थी। इस बीच सरकार बदल गई। अब शिवराज सरकार ने इनकी नियुक्ति में पेंच डाल दिया है। जनता की सरकार और गरीबों, किसानों के हितेषी होने का दावा करने वाले शिवराज से अतिथि विद्वान नाराज है।

पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और प्रदेश कांग्रेस मीडिया अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पटवारी ने कहा कि
कमलनाथ सरकार नेअपने वादे के मुताबिक अतिथि विद्वानों को नियमित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया था। उच्च शिक्षा विभाग का मंत्री रहते इसकी प्रक्रिया से मैं खुद पूरी तरह से वाकिफ हूं।

पटवारी ने दावा किया कि 4500 अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का प्रस्ताव 15 मार्च को भेज दिया गया था। सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को किनारे कर दिया। शिवराज को खुद को जनता का हितैषी मुख्यमंत्री कहने का कोई हक़ नहीं है। पटवारी ने कहा कि शिवराज जब से आये हैं, वो कांग्रेस सरकार के कर्मचारी और शिक्षकों के हित में किये गए फैसलों को बदलने में लगे हैं। पटवारी ने कहा कि केंद्र की तरह प्रदेश की सरकार भी उद्योगपतियों की सरकार है, ये सिर्फ उनके भले की सोचती है। पटवारी ने पत्र में लिखा कि मैं अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की मांग करता हूं।

जीतू पटवारी इन दिनों लगातार सक्रिय हैं। वे शिवराज सिंह सरकार की अनीति और किसान विरोधी फैसलों को लगातार वीडियो के माध्यम से भी उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में पटवारी ने 4500 अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण के प्रस्ताव के नोट शीट पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है। पटवारी ने लिखा है कि शिवराज की भाजपा-कांग्रेस की राजनीति को किनारे रखकर अतिथि विद्वानों के बारे में सोचें। पटवारी ने कहा कमलनाथ सरकार में इन अतिथि विद्वानों के बारे में सरकार में आते ही तैयारी कर ली थी। कैबिनेट में इसका प्रस्ताव भी लाना तय था। सरकार के सभी मंत्री और बड़े नेता भी अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण के पक्ष में थे।

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