राजस्थान मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस लागू करेगी ‘एक नेता-एक पद’ का फार्मूला

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इन मंत्रियों को नहीं मिलेगी जगह

नई दिल्ली। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार में मंत्रिमंडल में फेरबदल की योजना है।

सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस ‘एक नेता-एक पद’ के फार्मूले को लागू करने की तैयारी कर रही है।

इस फार्मूले के मद्देनजर गहलोत मंत्रिमंडल के तीन वरिष्ठ सदस्यों को उनके पद से हटाया जा सकता है क्योंकि इन नेताओं को पहले ही पार्टी में जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं।

इस फेरबदल में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख गोविंद डोटासरा, पंजाब के एआईसीसी प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात के एआईसीसी प्रभारी रघु शर्मा के बाहर होने की संभावना है।

पार्टी के शीर्ष पदस्थ सूत्र ने बताया कि इन नेताओं ने खुद पार्टी के लिए काम करने का अनुरोध किया है।

गौर करने वाली बात यह भी है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस बैठक के बाद उन्होंने कहा कि राजस्थान मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में फैसला उन्होंने आलाकमान पर छोड़ दिया है।

गहलोत ने बताया कि उन्होंने अपने विचार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने रख दिए हैं। पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगा वह सभी को मंजूर होगा।

मालूम हो कि गहलोत ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और केसी वेणुगोपाल के साथ भी बैठक की थी।

इस बैठक में राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी अजय माकन भी मौजूद थे। बैठक के बाद माकन ने बताया था कि नेताओं ने राजस्थान की राजनीतिक स्थिति, संभावित कैबिनेट विस्तार और राज्य में 2023 विधानसभा चुनाव के रोडमैप को लेकर चर्चा हुई थी।

एक  रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत की कैबिनेट में फिलहाल नौ पद खाली हैं। यदि तीन मौजूदा मंत्रियों को भी हटा दिया जाता है तो एक दर्जन नए मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी।

राजस्थान कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती निर्दलीय विधायकों को समायोजित करने की भी है क्योंकि पार्टी के पास राज्य विधानसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है।  इनमें से कुछ विधायकों को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।

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