इंदौर। मध्यप्रदेश में उपचुनाव की 28 सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। गद्दार और बिकाऊ के नारों से गूंजते इस चुनाव में आज मतदाता वफादारी का फैसला देगा। मध्यप्रदेश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर उपचुनाव हो रहे हैं। ग्वालियर-चम्बल की कुछ सीटों पर हिंसा की आशंका भी है।
मध्यप्रदेश के अलावा बिहार में दूसरे चरण के मतदान के साथ देश में 10 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होना है। वोटिंग शाम 6 बजे तक होगी। उपचुनाव में जिन 54 सीटों पर वोट डाले जाने हैं, उनमें सबसे ज्यादा सीटें मध्य प्रदेश की हैं, जहां 28 सीटों पर मतदान होना है।
मध्य प्रदेश में 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं, गुजरात की 8, उत्तर प्रदेश की 7, ओडिशा, नागालैंड, कर्नाटक और झारखंड की 2-2 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। वहीं, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और हरियाणा की एक-एक सीट पर वोटिंग चल रही है।
मध्य प्रदेश के 28 सीटों पर मतदान
मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव इसलिए हो रहा है, क्योंकि मार्च 2020 में कांग्रेस सरकार के 22 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। इस बगावत का नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया। इसी के बाद गद्दार और बिकाऊ के नारे ने भाजपा को भी परेशान किया।
उत्तर प्रदेश में 7 सीटों पर मतदान
उत्तर प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतदान में निर्दलीय समेत कुल 88 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला मतदाता करेंग। जिन 7 सीटों पर मतदान हो रहा है। उनमें से 6 सीटें पहले सत्तारूढ़ बीजेपी के पास थीं और एक सीट समाजवादी पार्टी के पास थी। उपचुनाव का परिणाम 10 नवंबर को आएगा।
गुजरात की 8 सीटों पर मतदान
गुजरात की 8 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। 2022 में गुजरात में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में यह उपचनाव गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल के लिए परीक्षा है। जून में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद यह उपचुनाव जरूरी हो गया। गुजरात में इस चुनाव का बहुत रोमांच इसलिए नहीं है क्योंकि सरकार के पास खोने को कुछ नहीं है।
झारखंड में दुमका और बेरमो में मतदान
झारखंड में जो उपचुनाव होना है वह दोनों सीटें सुरक्षित हैं। यह सीट बहुत ही खास है और बीजेपी और जेएमएम दोनों ने इसे प्रतिष्ठा की लड़ाई मान लिया है। चुनाव प्रचार थमने से पहले बीजेपी और जेएमएम प्रत्याशियों के पक्ष में नेताओं ने कई रैलियां कीं। दुमका से बीजेपी प्रत्याशी लुईस मरांडी हैं, जबकि झामुमो प्रत्याशी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन चुनाव मैदान में हैं।
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