इंदौर लोकसभा के उम्मीदवार होंगे मेंदोला !

Share Politics Wala News

यदि सुमित्रा महाजन सीट छोड़ती हैं, तो सबसे मजबूत
उम्मीदवार मेंदोला साबित होंगे, वे अपनी विधनसभा से ही
दो लाख वोट हासिल करने की क्षमता रखते हैं !

इंदौर। ताई, भाई और भाभी की बीच इंदौर में दादा की दावेदारी सबको चौंका सकती है। लोकसभा चुनाव के लिए इंदौर से बीजेपी का प्रत्याशी कौन होगा? ये सवाल खूब चल रहा है। वर्तमान सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन खुद चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं। वे ये भी कहती हैं, चाबी में योग्य को ही सौपूंगी। अब ये योग्य कौन होगा? जाहिर है, ताई कैलाश विजयवर्गीय या मालिनी गौड़ के लिए सीट छोड़ने को राजी नहीं होंगी। यदि इनको टिकट देने की बात आएगी तो वे खुद की दावेदारी मजबूती से रखेगी। कांग्रेस इस बार इंदौर में मजबूत भी दिखाई दे रही है। पिछली बार भी ताई की जीत का अंतर करीब चार लाख वोट का रहा था। वो मोदी लहर का भी असर था। इस बार ताई की लिए राह मुश्किल होगी। पार्टी में ऐसे में एक नाम की चर्चा है वो है विधानसभा क्रमांक दो के विधायक रमेश मेंदोला।

रमेश मेंदोला ही एक मात्र ऐसे उम्मीदवार बीजेपी को दिखाई दे रहे हैं जो जीत की गारंटी बन सकते हैं। 2013 का विधानसभा चुनाव मेंदोला ने 91 हजार मतों से जीता था। वे प्रदेश में सर्वाधिक मतों से विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। 2018 के चुनाव में वे 72 हजार मतों से विजयी हुए थे। इस विधानसभा में कुल मतदाता करीब 3 लाख 32 हजार में। रमेश मेंदोला को मैदान में उतारने पर वे अकेली इस विधासभा से करीब दो लाख या जयादा वोट लाने की ताकत रखते हैं। विधानसभा चुनाव में भी वे एक लाख 35 हजार के करीब वोट हासिल करते रहे हैं। इस लिहाज से पार्टी को मैदान में उतरते ही करीब 2 लाख मतों के साथ शुरुवात मिलेगी। इसके बाद वे आगे की गिनती आसानी से कर सकेंगे। इसी प्रकार क्षेत्र क्रमांक 5 और तीन में भी मेंदोला का नेटवर्क बड़ा है। इस तरह से वे एक ऐसे उम्मीदवार साबित हो सकते हैं जो ताई की विरासत को संभाल सके। कांग्रेस में ऐसा कोई प्रत्याशी दूर-दूर तक नहीं जो विधासभा 2 में मेंदोला के मतों को तोड़ सके। ऐसा खुद मेंदोला ही कर सकते हैं, इसके लिए कांग्रेस को उन्हें अपनी पार्टी में लाना होगा।

मेंदोला के नाम पर केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश समिति, संघ और शिवराज सिंह चौहान भी सहमत हैं। वर्तमान सांसद सुमित्रा महाजन यदि ये सीट छोड़ती हैं, तो वे भाई और भाभी के बजाय रमेश मेंदोला पर सहमत हो सकती है। ताई के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे सत्यनारायण सत्तन भी मेंदोला के समर्थन में खड़े होंगे। अभी कुछ दिनों पहले सत्तन जी विधासभा दो में भागवत कथा भी पढ़कर आये हैं। ये भी एक तरह की नेटवर्किंग ही है। कैलाश विजयवर्गीय अच्छे उम्मीदवार हो सकते हैं। पर वे पश्चिम बंगाल में बेहद व्यस्त हैं, और बहुत संभव है वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसे में मेंदोला सबसे जीताऊ उम्मीदवार के तौर पर सामने है। कम बोलो ज्यादा करो वाले मेंदोला ने सोशल मीडिया के जरिये भी अपनी स्थिति मजबूत की है। एक टीम उनका ये काम भी देख रही है। जमीनी सर्वे भी जारी है। जहाँ तक ग्रामीण वोटों की बात है, देपालपुर, महू, राउ सांवेर में वे खुद और ताई के समर्थन से वोट हासिल करने में सक्षम हो सकते है। सबसे बड़ी बात पार्टी ने इंदौर लोकसभा का प्रभारी रमेश मेंदोला को ही बनाया हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *