भोपाल। लोकसभा चुनाव की तारीखे तय हो चुकी हैं। बीजेपी ने नया नारा भी गढ़ लिया है। मोदी है तो मुमकिन है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक ऐसा बयान दिया जिसने फिर से चर्चा छेड़ दी। अभी तक जो भी गडकरी ने कहा वो हुआ। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सहित तीन राज्यों में हार की जिम्मेदारी नेतृत्व को लेनी चाहिए। फिर वे बोले काम नहीं करेंगे तो जनता पीटेगी। इसके बाद बीजेपी के एक सांसद ने ही नाम न होने पर विधायक को भरी सभा में जूते से पीट दिया। अब गडकरी ने कहा मैं, झूठे आश्वासन नहीं देता। आखिर ये जुमला गडकरी ने किस के लिए कहा। वे फेंकू किसे कह रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी का एक और बयान चर्चा का विषय बन सकता है. रविवार को उन्होंने कहा कि वे झूठे आश्वासन नहीं देते और ईमानदारी व पारदर्शिता जैसे मूल्य लंबी दौड़ में काम आते हैं. नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधारों का जरिया है.
नागपुर से सांसद गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति एक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र है, जहां लोगों की आकांक्षाओं के मुताबिक काम करना पड़ता है. राजनीति में करियर बनाने के लिए जरूरी गुणों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, ‘मैंने राजनीति को कभी अपने करियर के तौर पर नहीं चुना. मेरे शुरुआती दिनों से ही मैं राजनीति को सामाजिक एवं आर्थिक सुधार का जरिया मानता रहा हूं, जिसके जरिए मैं देश, समाज एवं गरीबों के लिए कुछ कर सकता हूं. राजनीति में किसी गुण की जरूरत नहीं है.’गडकरी ने ईमानदारी राजनीति को महत्व देते हुए कहा, ‘मैं झूठे आश्वासन नहीं देता और जब मैं कहता हूं कि मैं करूंगा तो मैं करता हूं… और अगर नहीं कर सकता तो साफ कह देता हूं कि नहीं कर सकता. ईमानदारी, पारदर्शिता, धैर्य, गुण और काम को लेकर प्रतिबद्धता जैसे मूल्य लंबी दौड़ में काम आते हैं.’
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