चुनावी दंगल में बसपा ने ठोंकी ताल, गद्दार के बाद भाजपा को नई चुनौती

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आमतौर पर ये माना जाता है कि बसपा कांग्रेस के वोट बैंक को तोड़ती है, पर 2018 के विधानसभा चुनाव में
बसपा ने ग्वालियर-चम्बल में भाजपा का बड़ा नुकसान किया, गद्दार से जूझ रही भाजपा के लिए नई चुनौती

भोपाल। 28 सीटों पर उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने भी मैदान पकड़ लिया है। बसपा ने शुक्रवार को दस सीटों पर प्रत्याशी घोषित किये हैं । दिग्विजय सिंह सरकार में गृह मंत्री रहे महेंद्र बौद्ध भांडेर से प्रत्याशी घोषित किए गए है। अब भांडेर का उपचुनाव रोचक हो गया है। कांग्रेस से यहां फूलसिंह बरैया मैदान में हैं।

बरैया के बयान इन दिनों सुंर्खियों में हैं। बरैया भी पहले बसपा के टिकट पर इस सीट से विधायक रह चुके हैं। सांवेर से विक्रम सिंह गेहलोत, मंत्री तुलसीराम सिलावट और कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू को चुनौैती देंगे।

बहुजन समजवादी पार्टी के इस चुनावी अखाड़े में ताल ठोंकने से भाजपा और कांग्रेस दोनों हैरान है। दोनों दलों को नए सिरे से रणनीति पर काम करना होगा। अब तक ये माना जाता रहा है कि बसपा कांग्रेस के वोट काटती है।

बसपा के उम्मीदवारों से कांग्रेस को नुकसान होगा। पर 2018 का विधानसभा चुनाव देखें तो बसपा ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया। यही कारण है कि ग्वालियर-चम्बल इलाके की 36 में से 26 सीटें कांग्रेस ने जीती थी।

उपचुनाव की कुल 28 सीटों में से 16 ग्वालियर-चम्बल की है। इस इलाके में बसपा बड़ा असर डालेगी। यदि विधासभा चुनाव जैसा ट्रेंड बना रहा तो भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल होगी।

इस इलाके में भाजपा गद्दार और शिवराज विरोधी माहौल से वैसे भी बहुत बुरे हाल में दिख रही है। कमलनाथ की ग्वालियर की रैली की भीड़ ने भी भाजपा को परेशान कर रखा है।

बसपा की सूची में सांची से पूरन सिंह अहिरवार, ग्वालियर से हरपाल मांझी, ग्वालियर पूर्व से महेश बघेल, बमौरी से रमेश डाबर, सुवासरा से शंकरलाल चैहान, मांधाता से जितेंद्र वासिन्दे, व्याबरा से गोपाल सिंह भिलाला और आगर से गजेंद्र बंजारिया प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। बसपा के मैदान म आने के बाद मध्यप्रदेश और खासतौर पर ग्वालियर चंबल में त्रिकोणीय मुकाबला होगा।

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