स्मृति शेष : ललित जोशी; प्रदेश में जनसम्पर्क की नई इबारत लिखने वाले अफसर

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विजयदत्त श्रीधर (संस्थापक-संयोजक, सप्रे संग्रहालय, भोपाल)

भारतीय प्रशासनिक सेवा के मध्यप्रदेश कैडर के 1970 बैच के अधिकारी ललित कुमार जोशी अब हमारे बीच नहीं रहे। 30 जनवरी 1947 को जन्मे जोशी जी ने 2 मई 2020 को दिल्ली में अंतिम साँस ली। श्री ललित कुमार जोशी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधिधारी थे। पश्चात उन्होंने इतिहास विषय में भी एम.ए. किया। वे छतरपुर के कलेक्टर और बस्तर के कमिश्नर रहे। जबलपुर नगर निगम के प्रशासक एवं स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव भी रहे। मध्यप्रदेश में श्री जोशी को संचालक जनसंपर्क, आयुक्त जनसंपर्क एवं सचिव जनसंपर्क के रूप में की गई सेवाओं के लिए याद किया जाता है। जनसंपर्क प्रमुख के रूप में उन्होंने न केवल पत्रकारों और प्रकाशकों से बेहतर संबंधों की नयी इबारत लिखी, बल्कि मध्यप्रदेश माध्यम के जरिये नवाचार को भी प्रोत्साहित किया। वे नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहे।

श्री ललित कुमार जोशी नेशनल हाइवे अथॉरिटी में प्रशासनिक सदस्य रहे। भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय में सचिव के पद से उन्होंने अवकाश ग्रहण किया। तदनन्तर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव में उपाध्यक्ष रहे।

श्री ललित कुमार जोशी की पत्नी सुश्री रेखा जोशी (मिश्र) वस्तुतः भारत की पहली महिला आईपीएस चयनित अधिकारी रही हैं। किन्तु फाउण्डेशन कोर्स के बीच ही उन्होंने आईपीएस छोड़ दी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इतिहास की सहायक प्राध्यापक हो गईं। वे इसी विश्वविद्यालय में एम.ए. इतिहास की टापर भी रही हैं। (इस तरह सुश्री किरण बेदी को पहली महिला आईपीएस अधिकारी होने का श्रेय मिला।)

माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान, भोपाल श्री ललित कुमार जोशी को अनन्य सहयोगी और सुहृद मित्र के रूप में सदैव स्मरण रखेगा। सप्रे संग्रहालय के ऐतिहासिक सामग्री संकलन अनुष्ठान में उनका महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। जब वे जनसंपर्क आयुक्त बने तब उन्होंने सप्रे संग्रहालय के प्रस्ताव पर ‘मध्यप्रदेश संदेश’ का मूल प्रकाशन वर्ष – जनवरी 1905 मान्य किया था। यह ऐतिहासिक तथ्य है कि 11 जनवरी 1905 को ग्वालियर से ‘जयाजी प्रताप’ का प्रकाशन आरंभ हुआ था। जनवरी 1950 में ग्वालियर रियासत के मध्यभारत का अंग बनने के बाद इसका नाम बदलकर ‘मध्यभारत संदेश’ कर दिया गया। नवंबर 1956 में नये मध्यप्रदेश के निर्माण के बाद एक बार फिर नाम बदलकर ‘मध्यप्रदेश संदेश’ हो गया, जिसका प्रकाशन अभी भी जारी है। सन 2009 में जब सप्रे संग्रहालय के प्रतिष्ठा ग्रन्थ ‘भारतीय पत्रकारिता कोश’ का विमोचन सूचना एवं प्रसारण मंत्री वीररंजन दासमुंशी ने नई दिल्ली में किया तब हमारे आमंत्रण पर (संकोचशील) जोशी जी कार्यक्रम में आए और श्री दासमुंशी एवं राज्यमंत्री श्री सुरेश पचौरी के हाथों ग्रन्थ की प्रथम प्रति ग्रहण की।

ललित कुमार जोशी जी के निधन से मित्रों का बहुत बड़ा परिवार दुखी है। परमपिता परमात्मा उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ऊँ शान्ति शान्ति शान्ति।

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