इंदौर। बगावत अब शिवराज सरकार की नाक के नीचे तक आ गई है। इस बगावत से ग्वालियर-चम्बल में तो दिक्कत है ही, अब सांची में भी नाक कटती दिख रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये मंत्री प्रभुराम चौधरी बेहद मुश्किल में है। एक तो गद्दार और बिकाऊ से उनकी हालत वैसे ही गड़बड़ है। अब स्थानीय भाजपा नेताओं ने भितरघात करके उनको हराने की मुहिम छेड़ दी है।
जानकारी के मुताबिक भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने चुनाव से दूरी बना रखी है। वे खुद तो प्रचार नहीं कर रहे हैं। साथ ही प्रचार करने वालों को धमकी भी दे रहे हैं। खबर है कि शेजवार के समर्थक प्रभुराम चौधरी के खिलाफ वोट देने की मुहिम भी चला रहे हैं।
स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने शेजवार की शिकायत भाजपा आलाकमान से भी की है। केंद्रीय नेतृत्व ने भी इसे गंभीरता से लिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही भाजपा शेजवार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है।
सांची में कांग्रेस से आए प्रभुराम चौधरी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार को शिकस्त दी थी। इस इलाके में वैसे भी शेजवार मंत्री रहते कोई मजबूत पकड़ नहीं बना सके हैं। खुद शिवराज सिंह इस इलाके में कई दौरे कर चुके हैं।
चौधरी के भाजपा में आने के बाद से ही शेजवार परिवार की सियासत पर खतरा दिखाई दे रहा था। तभी ये कहा जा रहा था कि प्रभुराम चौधरी को शेजवार परिवार का समर्थन शायद ही मिले। भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद ऐसा ही हो रहा है।
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सांची में भाजपा के पोस्टर्स में शेजवार को ज्यादा तवज्जो नहीं मिल रही है वहीं चौधरी के समर्थकों ने युवा मोर्चा की तर्ज पर सिंधिया युवा मोर्चा बना लिया है जिससे न सिर्फ शेजवार बल्कि भाजपा कार्यकर्ता भी नाराज हैं।
शेजवार के सामने कमजोर दिख रहे चौधरी
सांची गौरीशंकर शेजवार का गढ़ माना जाता है और प्रभुराम और शेजवार खुद एक दूसरे के घोर विरोधी रहे हैं। दोनों ही पांच बार चुनाव में आमने-सामने आ चुके हैं। जिनमें से तीन बार शेजवारको और दो बार चौधरी को जीत हासिल हुई थी। 2018 में चौधरी ने मुदित शेजवार को हराकर तीसरी बार इस सीट पर जीत दर्ज की है।
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