अफ़सोस… प्रदेश के मुखिया और स्वघोषित मामा ने गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर भी सिर्फ दूसरों का बुरा सुना और देखा, अपनी पार्टी के नेता पर उन्होंने खुद आँखों पर पट्टी बांध ली
दर्शक
महिला सम्मान में राजनीति ? अच्छी बात नहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भोपाल में मौन उपवास रखा। भाजपा की एक मंत्री को कांग्रेस से आइटम कहने से वे नाराज थे। प्रायश्चित के लिए वे अफसोस मौन पर गांधी प्रतिमा के नीचे दो घंटे बैठे। इसको मीडिया और भाजपा दोनों जगह से खूब प्रचार मिला। मुद्दा भी उचित ही था। क्या शिवराज अपनी पार्टी के नेताओं के शब्दों पर भी अफ़सोस जताने का साहस कर सकेंगे।
शिवराज जी, जब गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर अफ़सोस जता रहे थे, ठीक उसी वक्त एक और वीडियो वायरल हुआ। इसमें भाजपा के मंत्री बिसाहूलाल सिंह एक महिला पर बेहद अभद्र टिप्पणी करते दिखे। बिसाहूलाल साहू ने अपनी सामने खड़े कांग्रेस उम्मीदवार विश्वनाथ कुंजाम की पत्नी को रखैल कह दिया। ये सिर्फ नारी नहीं पूरी समाज के लिए एक कलंकित करने वाला शब्द है। शिवराज जी आपने ये वीडियो नहीं देखा, सुना होगा ये सम्भव ही नहीं।
गांधी प्रतिमा के नीचे बैठे इस नेता ने क्या गांधी के तीन बंदरों की तरह बुरा न देखने, सुनने, बोलने की शपथ ली। अफ़सोस इस बुरे को भी शिवराज सिंह चौहान ने अपनी राजनीति के हिसाब से बदल लिया। उन्होंने इसकी नई परिभाषा गढ़ ली। दूसरों का बुरा देखो, सुनो और दूसरों को बोलो। यदि वे गांधी जी के प्रति वाकई आस्था रखते वो उसी मौन अफ़सोस में दो घंटे का अफ़सोस और जताते। आखिर बिसाहूलाल ने जो महिला का अपमान किया वो अक्षम्य है।
मुख्यमंत्री जी आप खुद को सुशासन और शुचिता का नायक बताते हैं। ऐसे में जरुरी है कि आप बिसाहूलाल को सरेआम फटकार लगाएं। उन्हें दण्डित करके ये सन्देश दें कि भाजपा के लिए नारी सम्मान राजनीति से उपर है। आप पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से माफ़ी मांगने को कह रहे हैं, उनके खिलाफ महिला आयोग भी जा रहे हैं। फिर बिसाहूलाल सिंह के जुर्म को आप कैसे बरी सकते हैं। आप एक प्रदेश के मुखिया है और प्रदेश की नारी शक्ति के स्व घोषित भाई और मामा है इसलिए आपको सभी महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करनी चाहिए।
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