नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में 2021 के पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित कर रहे हैं।
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को मरणोपरांत पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया।
– लद्दाख के चुंतलिम चोंजोर को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वो एक समाजसेवी हैं।
उन्होंने कारगिल के रिमोट एरिया में दो गांवों को जोड़ने के लिए 38 किलोमीटर का रास्ता अकेले तैयार किया था।
इसके लिए उन्हें इस राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
– बास्केटबाल प्लेयर पी अनिता को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
वे 19 साल की उम्र में टीम की कप्तान बनी थीं। वे टीम की कप्तान बनने वाली सबसे युवा खिलाड़ी रहीं।
– मूर्तिकार सुदर्शन साहू को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द द्वारा 2021 के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
– पूर्व लोकसभा स्पीकर को भी पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
– पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को मरणोपरांत पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उनके बेटे चिराग पासवान को पुरस्कार दिया।
– असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उनकी पत्नी डॉली गोगोई को पुरस्कार दिया।
साल 2021 के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किए जाने वालों में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो एबी, तमिलनाडु के गायक एसपी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत-कला), मौलाना वहीदुद्दीन खान, बीबी लाल और अमेरिका के नरिंदर सिंह कपानी शामिल हैं।
कल इन हस्तियों को किया गया था सम्मानित : कल राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने 2020 के लिए विभिन्न राज्यों के पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया था। इस दौरान पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
खेल जगत से बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू और हाकी प्लेयर रानी रामपाल को पद्म भूषण व फिल्म जगत से एक्टर कंगना रनोट और गायक अदनान सामी को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वहीं, एयर मार्शल डा पदमा बंदोपाध्याय (रिटायर्ड) को चिकित्सा के क्षेत्र में पद्म श्री पुरस्कार दिया गया था।
वह भारत की पहली महिला एयर मार्शल हैं। इनके अलावा बांग्लादेश की दो शख्सियतों को भी पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।