राज्यसभा में सेना की एकीकृत थिएटर कमान गठित करने की मांग उठी

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नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरुवार को सेना की एकीकृत थिएटर कमान गठित किए जाने की मांग करते हुए भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

शून्यकाल में भाजपा के डॉ अशोक बाजपेयी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि, करगिल युद्ध के बाद गठित एक समिति ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के पद के सृजन तथा एकीकृत थिएटर कमान गठित किए जाने की सिफारिश की थी।

उन्होंने कहा कि, ऐसी कम से कम तीन कमान देश की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका और चीन सहित तमाम बड़े देशों में इस तरह की कमान हैं। भारत में भी ऐसी तीन से पांच कमान गठित करने की परिकल्पना की गई थी।’’
अशोक बाजपेयी ने कहा ‘‘सीडीएस के पद के सृजन का उद्देश्य तीनों सेनाओं का प्रभावी नियंत्रण एवं उन्हें मजबूत बनाना था। आज देश में 17 सैन्य कमान हैं। इनमें से सात सेना के, सात वायु सेना के और तीन नौसेना की कमान हैं।

प्रभावी नियंत्रण के लिए सेना की तीनों शाखाओं को मिला कर कम से कम तीन एकीकृत थिएटर कमान का गठन किया जाना चाहिए। यह कमान पूर्वी कमान, उत्तरी कमान और पश्चिमी कमान हों और इनका गठन देश की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।’’
बाजपेयी ने कहा ‘‘कई बार अलग अलग सेनाओं से निर्देश लेने में विलंब हो जाता है और प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में एकीकृत थिएटर कमान बहुत जरूरी हो जाती है।

एकीकृत थिएटर कमान के तहत वायुसेना, सेना और नौसेना के साथ साथ अर्द्धसैनिक बल भी आएंगे।’’उन्होंने सरकार से मांग की कि, प्राथमिकता के आधार पर एकीकृत थिएटर कमान का गठन किया जाए ताकि देश की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।

शून्यकाल में ही मनोनीत सदस्य डॉ नरेंद्र जाधव ने अखिल भारतीय न्यायिक सेवाओं के गठन की मांग की। उन्होंने कहा कि, इसकी सिफारिश विधि आयोग ने की थी तथा इस बारे में उच्चतम न्यायालय भी व्यवस्था दे चुका है।

उन्होंने एक न्यायिक कंसोर्टियम तथा केंद्रीय न्यायिक सेवा आयोग के गठन की भी मांग की।

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