सशस्त्र बलों को ‘शार्ट नोटिस’ पर एक्शन के लिए तैयार रहने की दरकार : राजनाथ

Share Politics Wala News

नई दिल्ली। भारत में थलसेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं के समावेशीकरण (थियेटराइजेशन) की महत्वाकांक्षी योजना शुरू होने के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता बढ़ाना जरूरी है।

नई संरचना के लिए सभी हितधारकों से मिलने वाली जानकारी पर विचार किया जाएगा। वायु सेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत की सीमाओं पर ‘अस्थिरतापूर्ण’ हालात का जिक्र भी किया।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को किसी भी आपात स्थिति में ‘शार्ट नोटिस’ पर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

रक्षा मंत्री ने उच्च स्तर की तैयारियां रखने, अल्प समय में प्रभावी कार्रवाई की क्षमता और अभियान व शांतिरक्षण कार्यों में उच्च मानकों वाली पेशेवर क्षमता दिखाने के लिए भारतीय वायु सेना की प्रशंसा की।

वायु सेना के कमांडर 10-12 नवंबर को आयोजित सम्मेलन में चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर भारत की सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा करेंगे।

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने वायु सेना के अभियान संबंधी अनेक पहलुओं पर सिंह को अवगत कराया।

सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भविष्य के युद्धों के लिए वायु सेना की भूमिका महत्वपूर्ण है। उसे आर्टिफीशियिल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन प्रशिक्षण आदि के साथ क्षमताओं को बढ़ाना होगा।

सशस्त्र बल अगले साल के मध्य तक थियेटर कमान बनाने का खाका तैयार कर सकते हैं जिससे सैन्य संसाधनों का अभीष्ट उपयोग हो सकेगा और भारत की युद्धक क्षमताओं में इजाफा होगा।

योजना के अनुसार हर थियेटर कमान में सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और सभी किसी भौगोलिक क्षेत्र विशेष में सुरक्षा चुनौतियों को देखकर एक अभियान कमांडर के अधीन एक इकाई के रूप में काम करेंगे।

सैन्य मामलों के विभाग ने हाल में तीनों सेनाओं से प्रस्तावित थियेटर कमानों पर अप्रैल तक अध्ययन पूरा करने को कहा था ताकि नई संरचनाओं के लिए योजना पर काम तेज किया जा सके।

रक्षा मंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के माध्यम से सैन्य उपकरणों के स्वदेशीकरण के क्षेत्र में प्रयासों को रेखांकित किया और कहा कि इसके परिणाम दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए और सी-295 परिवहन विमानों के आर्डर स्वदेशी एयरोस्पेस क्षेत्र में नये अवसरों के द्वार खोलेंगे।

भारत ने सितंबर में एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 56 सी-295 परिवहन विमानों की खरीद के लिए करीब 20,000 करोड़ रुपये का करार किया था। ये विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों की जगह लेंगे।

उन्होंने भविष्य में लड़ाकू क्षमता के सामूहिक उपयोग के लिए थलसेना और नौसेना के साथ संयुक्त प्रशिक्षण की जरूरत पर भी जोर दिया।

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने महामारी की चुनौतियों के बावजूद उच्च स्तर की तैयारी बनाकर रखने के लिए सभी कमांडरों की प्रशंसा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *