नीतीश का भागीरथी प्रयास.. गया में अब गंगाजल से कर सकेंगे पितरों का तर्पण

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पटना से नालंदा होते हुए नवादा तक पहुंच गया गंगा जल, इसी साल के अंत तक गया और बोधगया तक पहुंचेगा गंगा जल

रविशंकर उपाध्याय

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भागीरथी प्रयास से पटना से गंगाजी हिंदुओं की प्रमुख तीर्थस्थली गयाजी में इसी साल पहुंच जाएंगी। गया आनेवाले श्रद्धालु गंगाजल से पितरों का तर्पण कर सकेंगे।

शनिवार को पटना के हाथीदह से नालंदा होते हुए गंगा जल नवादा तक पहुंच गया है। इसी साल के अंत तक गंगा जल गया और बोधगया तक पहुंचेगा. शनिवार को मोकामा के हथीदह से मां गंगा पाइपलाइन से 90 किलोमीटर तक नवादा के मोतनाजे जलाशय में गंगाजल पहुंचा, तो लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

शनिवार को इस योजना का ट्रायल किया गया जो सफल रहा। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा उद्वह योजना के तहत नवादा के मोतनाजे व गिरियक के घोड़ाकटोरा जलाशय में गंगाजल पहुंचा तो बड़ी संख्या में लोग वहां गंगा जी को देखने पहुंचे।

घोड़ाकटोरा जलाशय में तीव्र गति से गंगाजल आते देख लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। घोड़ा कटोरा के साथ ही नवादा के मोतनाजे और गया के मानपुर में गंगाजल को शुद्ध कर उसे राजगीर, नवादा और गया में पेयजल के रूप में आपूर्ति की जानी है। मोकामा से मोटर के सहारे गंगाजल को लिफ्ट करके पाइपलाइन के सहारे लाया जा रहा है।

पहले चरण में राजगीर व गया तक गंगाजल को पहुंचाना है। इसके लिए दोनों जगहों पर रिजरवायर बनाये गये हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगाजल उद्वह योजना के तहत नालंदा के अलावा गया, बोधगया और नवादा को गंगाजल की आपूर्ति की जानी है।

इन सभी जगहों पर गंगाजल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाना है। इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाना है. पहले चरण के तहत इस योजना पर पहले 2836 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे, लेकिन कोरोना की वजह से विलंब होने से लागत बढ़कर 4174 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

क्या है पूरी योजना?
गंगा उद्वह योजना के तहत करीब 151 किमी लंबाई में पाइप बिछा कर मोकामा के मरांची स्थित गंगा का पानी निकाल कर गया, बोधगया, राजगीर और नवादा शहर के घरों में आपूर्ति की जायेगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में निरीक्षण कर काम को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया था। दिसंबर 2019 में राज्य कैबिनेट ने गंगा जल उद्वह योजना के पहले फेज के लिए 2836 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। इस योजना का पहला चरण जून 2021 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य था, लेकिन कोरोना संकट और तकनीकी वजहों से इसमेें विलंब हुआ। मोकामा के मरांची स्थित गंगा नदी का पानी पाइपलाइन के जरिये गया के मानपुर प्रखंड के अबगीला स्थित खदान में लाया जायेगा।

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